धधक रहे जंगल, हनक में अधिकारी, पर्यावरण के लिए समर्पित चंदन नयाल को फॉरेस्टर की धमकी, जिंदा गाढ़ दूंगा
NAINITAL: एक तरफ उत्तराखंड के जंगल धूं धूं कर जल रहे हैं, तमाम प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं, वाबजूद इसके वन विभाग के कुछ नकारा अधिकारियों की हनक कम नही हो रही। ताजा मामला नैनीताल जनपद के ओखलकांडा ब्लॉक का है। यहां के जंगलों में चार दिन से आग लगी है। मशहूर पर्यावरण प्रेमी चंदन सिंह नयाल ग्रामीणों के साथ वनाग्नि को बुझाने में जुटे थे, इतने में फॉरेस्टर से सामना हो गया। फोरेस्टर को इतना कहने भर कि तीन दिन से आप कहां थे, फॉरेस्टर आग बबूला हो गया और चंदन नयाल को ही धमकी देने लगा कि जिंदा गाढ़ दूंगा। इस घटना से वनाग्नि से निपटने में विभाग की गंभीरता पर सवालिया निशान लगाए हैं।
बता दें कि ओखलकांडा क्षेत्र में खुजेटी और देवगुरु बीट में चार दिनों से जंगल दावानल की चपेट में हैं। वनाग्नि से करीब 200 हेक्टेयर जंगल खाक हो चुका है। चौथे दिन पर्यावरण प्रेमी चंदन नयाल ने ग्रामीणों के साथ आग बुझाने का प्रयास किया लेकिन इसी दौरान फॉरेस्टर से उनका सामना हुआ तो विभाग की नाकामी गिनाने पर फॉरेस्टर ने चंदन नयाल को ही धमकी दे डाली।
चंदन नयाल ने बताया कि मंगलवार को चौथे दिन सुबह से वो ग्रामीणों के साथ आग बुझाने में लगे थे। उन्होंने एसडीएम से भी मदद मांगी और एसडीएम ने कुछ समय के लिए पीआऱडी जवानों को भी आग बुझाने के लिए भेजा। लेकिन शाम को घर लौटते समय रास्ते में चंपावत प्रभाग की देवीधुरा रेंज में तैनात फॉरेस्टर सौरभ कुमार मिल गए। चंदन को देखते ही फॉरेस्टर ने कहा कि आप ने हमें परेशान कर रखा है। इस पर चंदन नयाल ने सवाल किया कि आप तीन-चार दिन से आग बुझाने के प्रयास क्यों नहीं कर पा रहे। इतना कहने भर से फॉरेस्टर आग बबूला हो गया और चंदन नयाल से कहा कि हम तुम्हारे नौकर नहीं हैं, अपने तरीके से काम करेंगे। हमारे काम में अड़चन बनोगे तो यहीं जिंदा गाढ़ देंगे।
इस वाकये से वन विभाग के लापरवाह अधिकारियों की गंभीरता का पता चलता है। विभाग के बेलगाम अधिकारी उसे धमकी दे रहे हैं, जिसने पर्यावरण के लिए अपना जीवन समर्पित किया है।
कौन हैं चंदन नयाल
चंदन सिंह नयाल को पर्यावरण प्रेमी के नाम से जाना जाता है। 30 साल के चंदन नयाल ओखलकांडा के नाई गांव के रहने वाले हैं। बचपन से ही आग से जलते जंगलों को देखकर उन्होंने संकल्प लिया की जीवनभर पर्यावरण के लिए काम करूंगा। इसके लिए चंदन ने अपनी जॉब भी छोड़ दी। चंदन नयाल ने बांज के पेड़ों की अहमियत को समझा और बिना किसी सरकारी मदद के बांज की नर्सरी तैयारकर दी। स्थानीय लोगों के साथ मिलकर नयाल 4 हेक्टेयर जमीन पर 58 हजार से ज्यादा बांज के पेड़ लगा चुके हैं। इसके अलावा जंगलों में जल संरक्षण के लिए 6000 से ज्यादा चाल खाल और खंतियां बना चुके हैं।चंदन नयाल का प्रयास रहता है कि पिरूल के कारण जंगलों में आग न फैले इसके लिए वे लगातार प्रयासरत रहते हैं।