500 साल बाद अवध में विराजे हैं श्री राम, भारत का कण कण रामभक्ति में रम गया

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AYODHYA: 500  वर्षों के लंबे संघर्ष और इंतजार के बाद आखिरकार अयोध्या में रामलला विराजमान हो गए हैं। दोपहर 12 बजकर 5 मिनट परर शुरू हुई प्राण प्रतिष्ठा की प्रक्रिया को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में पूरा किया गया। इस दौरान संपीर्ण भारतवर्ष राम के रंग में रंगा नजर आया। अयोध्या नगरी में चारों ओर उत्सव का माहौल है। प्राण प्रतिष्ठा के दौरान पीएम मोदी के साथ यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और सीएम योगी आदित्यनाथ मौजूद रहे। इस दौरान हजारों साधु संत, सन्यासी, फिल्म स्टार, खेल जगत के सितारे, गायक और आम लोग मौजूद रहे।

पीएम मोदी पहले पूजन सामग्री लेकर मंदिर परिसर पहुंचे, इससे बाद मंदिर में अनुष्ठान किया। रामलला की आरती उतारी औऱ उन्हें दंडवत प्रणाम किया। इसी के साथ अनुष्ठान का समापन हो गया। इससे पूर्व हेलीकॉप्टर से फूलों की बारिश की गई और 18 राज्यों के वाद्य यंत्र भी बजाए गए।

50 जगहों पर सुंदरकांड

अयोध्या के राम मंदिर में संपन्न हुए प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान देशभर में अनेक कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। 50 हजार से ज्यादा व्यापारिक प्रतिष्ठानों में सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का पाठ हुआ है। विभिन्न शहरों के मार्केट में 30 हजार से अधिक स्थानों पर भंडारे लगाए गए हैं। कश्मीर से कन्याकुमारी तक राम को लेकर करीब 40 हजार कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। गांव देहात के छोटे छोटे मंदिरों, देवालयों को भी इसमें जोड़ दें तो एक लाख से ज्यादा कार्यक्रम आय़ोजित हो रहे हैं।

पीएम मोदी बोले- आज हमारे राम आ गए

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि  सियावर रामचंद्र की जय! आपको सबको प्रणाम, सबको राम-राम! आज हमारे राम आ गए हैं। उन्होंने कहा कि सदियों की प्रतीक्षा के बाद हमारे राम आ गए हैं। सदियों का अभूतपूर्व धैर्य, अनगिनत बलिदान, त्याग और तपस्या के बाद हमारे प्रभु राम आ गए हैं। इस शुभ घड़ी की आप सभी को, समस्त देशवासियों को बधाई। मैं गर्भगृह में ईश्वरीय चेतना का साक्षी बनकर आपके सामने उपस्थित हुआ हूं।

पीएम मोदी ने कहा कि मैं आज प्रभु श्रीराम से क्षमा याचना भी करता हूं। हमारे पुरुषार्थ, हमारे त्याग, तपस्या में कुछ तो कमी रह गई होगी कि हम इतनी सदियों तक ये कार्य कर नहीं पाए। आज वो कमी पूरी हुई है। मुझे विश्वास है कि प्रभु राम आज हमें अवश्य क्षमा करेंगे। लंबे वियोग से आई आपत्ति का अंत हो गया है।

पीएम ने कहा कि आज शाम घर-घर राम ज्योति प्रज्वलित करने की तैयारी है। कल मैं श्रीराम के आशीर्वाद से राम सेतु के आरंभ बिंदु पर था। जिस घड़ी प्रभु श्रीराम समुद्र पार करने निकले थे, वह पल था, जिसने कालचक्र बदला था। उसे महसूस करने का विनम्र प्रयास था। अब कालचक्र फिर बदलेगा और शुभ दिशा में बढ़ेगा।

राम आग नहीं, ऊर्जा हैं

पीएम मोदी ने कहा कि राम के इस काम में कितने ही लोगों ने त्याग और तपस्या की। अनगिनत लोगों, कारसेवकों, संत-महात्माओं के हम सब पर ऋण हैं। आज का अवसर उत्सवता का क्षण तो है ही, लेकिन यह क्षण भारतीय समाज की परिपक्वता के बोध का भी क्षण है। कुछ लोग कहते थे कि राम मंदिर बना तो आग लग जाएगी। ऐसे लोग भारत के सामाजिक भाव की पवित्रता को नहीं जानते थे। रामलला के इस मंदिर का निर्माण भारतीय समाज के शांति, धैर्य, आपसी सद्भाव का प्रतीक है। हम देख रहे हैं कि निर्माण किसी आग को नहीं, बल्कि ऊर्जा को जन्म दे रहा है। अपनी सोच पर पुनर्विचार कीजिए, राम आग नहीं हैं, ऊर्जा हैं। राम विवाद नहीं, राम समाधान हैं। राम सिर्फ हमारे नहीं, राम सबके हैं। राम वर्तमान ही नहीं, राम अनंत हैं।

 

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