आनंद विहार-कोटद्वार एक्सप्रेस सेवा की शुरुआत, रेलमंत्री ने दिखाई हरी झंडी

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DELHI/KOTDWAR: गढ़वाल वासियों का सामान्य एक्सप्रेस ट्रेन सेवा का लंबा इंतजार आखिर खत्म हुआ। आनंद विहार टर्मिनल से कोटद्वार के लिए एक्सप्रेस सेवा का शनिवार से संचालन शुरू हो गया। केंद्रीय रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव और सांसद अनिल बलूनी द्वारा दिल्ली से शनिवार को सायं पांच बजे इसे हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी देहरादून से वर्चुअली इस बहुप्रतीक्षित रेल सेवा के शुभारंभ के साक्षी बने। राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी के प्रयासों से ये  सेवा शुरू हो सकी है।

सिद्धबली जनशताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन के संचालन के बाद गढ़वाल एक्सप्रेस का संचालन हमेशा के लिए बंद कर दिया गया था। तब से कोटद्वार से दिल्ली जाने वाले यात्री एक्सप्रेस ट्रेन की राह ताक रहे थे। आखिरकार ये इंतजार आज खत्म हुआ।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कोटद्वार आनन्द विहार दिल्ली के मध्य संचालित हो रही ट्रेन के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं रेल मंत्री श्री अश्वनी वैष्णव का आभार व्यक्त किया। उन्होंने इसके लिए पौड़ी से सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत, राज्यसभा सांसद श्री अनिल बलूनी और कोटद्वार से विधायक श्रीमती ऋतु खंडूरी के प्रयासों की भी सराहना की।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि लंबे समय से कोटद्वार और दिल्ली के बीच ट्रेन के संचालन की मांग चल रही थी, अब कोटद्वार से दिल्ली बस के साथ ट्रेन से भी सुगम यात्रा हो सकेगी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने रेल मंत्री श्री अश्वनी वैष्णव से इस ट्रेन का नाम वीर चंद्र सिंह गढ़वाली जी के नाम पर रखने पर विचार करने का भी अनुरोध किया ताकि आम जन इस ट्रेन के साथ अपना और अधिक जुड़ाव महसूस कर सकें।

उन्होंने कहा कि बीते नौ वर्षों में देश में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में रेलवे के क्षेत्र में “अभूतपूर्व स्पीड“ से व “अभूतपूर्व स्केल“ से कार्य किया जा रहा है। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में हम भारतीय रेल के स्वर्णिम युग की ओर बढ़ रहे हैं। पिछले 9 वर्षों में प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में भारतीय रेलवे को नए भारत की आकांक्षाओं तथा आत्मनिर्भर भारत की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए तैयार किया जा रहा है। 2014 के बाद से भारतीय रेल एक नए रूप में हमारे सम्मुख है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जहां एक ओर ब्रॉड गेज रेल लाइनों से मानव रहित रेल क्रॉसिंग को ख़त्म करके भारतीय रेलवे को पहले से कहीं अधिक सुरक्षित बनाया गया है। वहीं दूसरी ओर आज भारतीय रेलवे की रफ्तार भी पहले से कहीं अधिक बढ़ चुकी है। आत्मनिर्भरता और आधुनिकता के प्रतीक चिन्ह के रूप में वंदे भारत जैसी मेड इन इंडिया ट्रेनें रेल नेटवर्क का हिस्सा बन रही हैं। वर्तमान में देश के अछूते हिस्सों को रेल नेटवर्क से जोड़ने का काम भी तेजी से चल रहा है।

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