पहाड़ के किसान को मिला पादप जीनोम संरक्षण पुरस्कार, राष्ट्रपति मुर्मू ने किया सम्मानित

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DELHI:  पहाड़ का एक प्रगतिशील किसान धनिया उपजाकर कई रिकॉर्ड अपने नाम कर रहा है। अल्मोड़ा के गोपाल उप्रेती ने पहले तो धनिया का सबसे ऊंचा पौधा उगाकर गिनीज बुक में नाम दर्ज कराया और अब धनिया के पौधे की नई किस्म जीएस-1999 विकसित करने के लिए उन्हें पादप जीनोम संरक्षण पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। नई दिल्ली में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने उन्हें यह पुरस्कार प्रदान किया। उनकी इस उपलब्धि पर कृषि वैज्ञानिकों ने खुशी जताते हुए इसे उत्तराखंड के किसानों के लिए बड़ी उपलब्धि करार दिया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी गोपाल दत्त उप्रेती को “पादप जीनोम संरक्षक” पुरस्कार से सम्मानित होने पर हार्दिक बधाई दी। उन्होंने कहा कि कृषि एवं बागवानी के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करते हुए आपने देवभूमि उत्तराखण्ड का गौरव बढ़ाया है, निश्चित तौर पर आपकी इस उपलब्धि से प्रदेश के अन्य किसान बंधु भी प्रोत्साहित होंगे।

कृषि मंत्रालय की ओर से 12 से 15 सितंबर तक दिल्ली में वैश्विक किसान संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। राष्ट्रपति ने सोमवार को आयोजित कार्यक्रम के पहले दिन देश के कुल 22 प्रगतिशील किसानों को कृषि क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित किया। अल्मोड़ा के ताड़ीखेत ब्लॉक के बिल्लेख गांव में रहने वाले किसान गोपाल उप्रेती को भी राष्ट्रपति ने सम्मानित किया। इससे पहले कृषि क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए गिनीज बुक ऑफ रिकार्ड्स, उत्तराखंड सरकार द्वारा उद्यान पंडित, कृषि भूषण, इनोवेटिव फार्मर अवार्ड, प्रगतिशील कृषक सम्मान जैसे विशिष्ट पुरस्कारों से भी सम्मानित किया जा चुका है।

कृषि विज्ञान केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. शिव शांतनु सिंह ने बताया कि गोपाल उप्रेती ने उत्तराखंड राज्य और वहां के किसानों का गौरव बढ़ाया है। इस पुरस्कार से उत्तराखंड के विषम भौगोलिक क्षेत्र मेंकाम करने वाले किसानों को प्रेरणा मिलेगी।

 

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