
भारत की स्टार हॉकी खिलाड़ी वंदना कटारिया का संन्यास, सबसे ज्यादा 320 मैच खेलने के साथ ओलंपिक हैट्रिक का अनोखा रिकॉर्ड
HARIDWAR: भारतीय महिला हॉकी टीम की स्टार प्लेयर और शानदार ड्रैग फ्लिकर वंदना कटारिया ने अंतर्राष्ट्रीय करियर से संन्यास ले लिया है। वंदना ने आज ये घोषणा की। हरिद्वार के रोशनाबाद में जन्मी वंदना ने हॉकी में अपने जानदार खेल से भारत को कई अहम मैच जिताए। एशियन गेम्स, कॉमनवेल्थ, ओलंपिक में वंदना ने भारत का प्रर्तिनिधित्व किया। ओलंपिक में हैट्रिक जमाने वाली वंदना भारत की पहली और एकमात्र महिला खिलाड़ी हैं। हॉकी इंडिया ने भी वंदना के शानदार करियर पर उन्हें शुक्रिया अदा करते हुए बधाई दी है।
रोशनाबाद की वंदना कटारिया ने 2009 में इंटरनेशनल डेब्यू किया था और वह टोक्यो ओलंपिक 2020 में चौथे स्थान पर रहने वाली भारतीय टीम का भी हिस्सा थीं। भारतीय महिला हॉकी टीम का ओलंपिक में यह बेस्ट परफॉरमेंस था। इसी ओलंपिक में साउथ अफ्रीका के खिलाफ वंदना कटारिया ने शानदार हैट्रिक लगाई थी। ऐसा करन वाली वे भारत की पहली और एकमात्र महिला हॉकी खिलाड़ी बनी थी।
32 साल की वंदना 320 अंतरराष्ट्रीय मैचों के साथ भारतीय महिला हॉकी में सबसे अधिक कैप्ड खिलाड़ी भी हैं। उहोंने अपने इंटरनेशनल करियर में 158 गोल किए हैं। अपने लगभग 15 साल के करियर के दौरान, कटारिया ने 2 ओलंपिक गेम्स (रियो 2016, टोक्यो 2020), 2 FIH हॉकी महिला विश्व कप (2018, 2022), 3 राष्ट्रमंडल खेलों (2014, 2018, 2022) और 3 एशियाई खेलों (2014, 2018, 2022) में भारत का प्रतिनिधित्व किया। उनके जबरदस्त खेल की बदौलत टीम ने एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी (2016, 2023) और FIH हॉकी महिला राष्ट्र कप (2022) में भारत को स्वर्ण पदक दिलाया था।
वंदना की उपलब्धियों को देखते हुए उन्हें पद्म श्री और खेल जगत के श्रेष्ठ अर्जुन पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।
संन्यास के फैसले पर वंदना कटारिया ने कहा कि यह निर्णय आसान नहीं था। कटारिया ने कहा, ‘यह फैसला आसान नहीं था, लेकिन मुझे पता है कि यह सही समय है। जब से मैं याद कर सकती हूं, हॉकी मेरी जिंदगी रही है और भारतीय जर्सी पहनना सबसे बड़ा सम्मान था। लेकिन हर यात्रा का अपना रास्ता होता है और मैं इस खेल के लिए अपार गर्व, कृतज्ञता और प्यार के साथ इसे छोड़ रही हूं। भारतीय हॉकी अच्छे हाथों में है और मैं हमेशा इसका सबसे बड़ा समर्थक रहूंगी।