गजब: गढ़वाल में पोस्ट ऑफिस में चयनित हो गए हरियाणा के कई युवा, हिंदी में 95 नंबर लाने वालों से नहीं लिखे जाते 2 शुद्ध शब्द

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PAURI:  उत्तराखंड में डाक विभाग में चयनित हरियाणा के कई युवाओं की नियुक्ति सवालों के घेरे में है। हालांकि डाक विभाग में किसी भी राज्य का व्यक्त दूसरे राज्य में नियुक्ति पा सकता है, लेकिन उकी योग्यता पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। उत्तराखंड में कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं, जहां डाकपाल के पद पर चयनित अभ्यर्थियों को हिंदी और गणित का सामान्य ज्ञान तक नहीं है, जबकि 10वीं की मार्कशीट में उनके नंबर 90 प्रतिशत हैं। ब्रांच पोस्ट मास्टर बने एक युवा ने हिंदी में 95 नंबर हासिल किए, लेकिन जब हिंदी लिखने की बारी आई तो उसके हाथ पांव फूल गए। ऐसे अभ्यर्थी दो शब्द भी शुद्ध नहीं लिख पा रहे।

डाक विभाग में नियुक्तियों की जांच के दौरान कई चयनित अभ्यर्थियों के डॉक्यूमेंट फर्जी तक निकले हैं। जांच के डर से कई अभ्यर्थी ज्वाइनिंग करन से भी कतरा रहे हैं। प्रधान डाकर अधीक्षक पौड़ी ने ब्रांच पोस्ट मास्टर पद पर चयनित एक ऐसे ही युवा की स्क्रीनिंग की। उसके दस्दावेज को वैध पाए गए, लेकिन उसकी योग्यता सवालों के घेरे में है। 10वीं में हिंदी विषय में 95 नंबर लाने वाले एक अभ्यर्थी से डाक अधीक्षक ने आवेदन पत्र लिखने को कहा तो उसके हाथ पांव फूल गए। फिर अधीक्षक ने युवा से  हिंदी के कुछ वाक्य लिखवाए। गणित के अंकों को शब्दों में लिखने को कहा। उसकी हिंदी देखकर सभी चौंक गए।

अभ्यर्थी ने आवेदन पत्र में अधीक्षक को अदीशय,  महोदय को मेव्य, डाकघर को ढाकघर और पौड़ी को पैटी लिखा था। यही नहीं जब उसे अंकों को हिंदी में लिखने के लिए कहा तो चयनित डाकपाल ने 1500 को पद्रासै, 2750 को सताइसे, 3531 को तीन हजार पानसे कतीस और 250 को ढाइरौ लिख दिया। वहीं डाक अधीक्षक पौड़ी दीपक शर्मा ने बताया कि हरियाणा के रहने वाले युवक का जनपद पौड़ी के सिलोगी उप डाकघर में गढ़कोट शाखा डाकघर में शाखा डाकपाल के पद पर चयन हुआ है। उन्होंने बताया कि प्ररकण को लेकर रिपोर्ट परिमंडल देहरादून भेज दी है। चयनित शाखा डाकपाल की तैनाती को लेकर उच्च अधिकारियों के दिशा-निर्देश के बाद कार्रवाई अमल में लाई जाएगी

डाकघर पौड़ी में बीते अक्तूबर माह में चयनित चार ग्रामीण डाक सेवक ज्वाइनिंग देने पहुंचे थे। जिनमें उत्तर प्रदेश के दो चयनित ग्रामीण डाक सेवकों के शैक्षणिक दस्तावेज फर्जी पाए गए थे। जबकि मध्य प्रदेश के चयनित दो ग्रामीण डाक सेवक जांच की बात सुनते ही भाग गए थे।

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