बर्फबारी से बढ़ी जोशीमठ की मुश्किलें, प्रभावितों को ठंड से बचाने के लिए हीटर दिए जाएं- CM धामी
DEHRADUN/JOSHIMATH: भूधंसाव से प्रभावित जोशीमठ के लोगों को ताजा बर्फबारी से मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शीतलहर के दृष्टिगत सभी प्रभावित परिवारों के लिए हीटर एवं अलाव की पूरी व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने सचिवालय में जोशीमठ में चल रहे राहत कार्यों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को ये निर्देश दिए। सीएम ने कहा कि भूधंसाव से प्रभावित क्षेत्र के जिन परिवारों को अन्यत्र शिफ्ट किया गया है, उनके पुनर्वास एवं अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं के लिए कितनी धनराशि की आवश्यकता होगी, इसका गहनता से आंकलन किया जाए। जिलाधिकारी चमोली से लगातार समन्वय रखकर एवं स्थानीय लोगों के सुझावों के आधार पर सभी बिन्दुओं को ध्यान में रखकर आंकलन किया जाए।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि जोशीमठ के प्रभावित क्षेत्र से जो लोग विस्थापित होंगे, उनको स्वरोजगार से जोड़ने के लिए भी विस्तृत योजना बनाई जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि जो लोग विस्थापित होंगे, उनकी आजीविका प्रभावित न हो। इसके लिए अभी से योजना बनाकर आगे कार्य करें। जिन स्थानों पर प्रभावितों को विस्थापित किया जायेगा, उनको सरकार द्वारा हर संभव सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि बोर्ड परीक्षाएं भी निकट हैं, प्रभावित क्षेत्र के बच्चों को पढ़ाई एवं परीक्षा देने में किसी भी प्रकार से परेशानी न हो, इसके लिए भी सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं।
बर्फबारी ने बढ़ाई मुश्किलें
एक वक्त था जब बर्फबारी होते ही जोशीमठ के लोगों के चेहरे खिल उठते थे। औली में हजारों की तादात में पर्यटक आते थे। इससे स्थानीय लोगों को भी आजीविका का जरिया मिल जाता था। लेकिन इस बार बर्फबारी से स्थानीय लोग सहमे हुए हैं। दरअसल बर्फबारी औऱ बारिश का पानी घरों और इमारतों की दरारों में घुसने से हालात खराब हो जाएंगे। जो भवन दरारों को सहन कर सकते हैं, उनके गिरने का भी खतरा बढ़ जाएगा।
बर्फबारी के चलते डेंजर जोन में शामिल भवनों के धवस्तीकरण का कार्य रुका हुआ है। बर्फबारी के चलते पुनर्वास औऱ राहत कार्य में भी बाधा आ रहा है। जिन लोगों का सामान अभी तक शिफ्ट नहीं हो पाया है, उनके समान में बर्फ जम गई है। ये प्रभावित घरों को खाली कर राहत शिविर में रह रहे हैं। राहात शिविरों में भी घर जैसे इंतजाम न होने से लोग ठिठुरने को मजबूर हैं।