राज्यपाल ने किया श्रीनगर में स्थापित कार्डियक कैथ लैब का शुभारंभ, पहाड़ की 20 लाख की आबादी को मिले सीधा फायदा
SRINAGAR: हार्ट अटैक और हृदय की गंभीर बीमारियों में कैथोलॉजी और एंजियोग्राफी की सुविधा अब पहाड़ी क्षेत्रों में उपलब्ध हो सकेगी। राज्यपाल ले.ज.(से.नि.) गुरमीत सिंह और स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में स्थापित कार्डियक कैथ लैब को जनता को समर्पित किया।
राज्यपाल ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्र में कैथ लैब की सुविधा उपलब्ध कराना बड़ी सोच बताया और कहा कि कार्डियक कैथ लैब गढ़वाल क्षेत्र की 20 लाख जनता के लिये वरदान साबित होगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य समस्याओं के हल करने के लिये केन्द्र व राज्य सरकार पांच पहलुओं पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि हृदय और संचार संबंधी रोग एक वैश्विक स्वास्थ्य चुनौती बन गए हैं। हाइपर टेंशन, स्ट्रोक, कोरोनरी आरटरी डिजीज के मरीजों की संख्या काफी बढ़ी है और छोटी उम्र में भी यह बीमारी परेशानी का कारण बन रही है। उन्होंने कहा कि इन चुनौतियों का केन्द्र व राज्य सरकार डटकर मुकाबला कर रही हैं।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कार्डियो कैथ लैब बनने यहां हार्ट से सम्बंधित बीमारी की जांच एंजियोग्राफी व बीमारी के ईलाज एंजियोप्लास्टी व अन्य की सुविधा मिलेगी। जिससे हार्ट संबंधी रोगों का इलाज संभव होगा। मरीजों को इलाज के लिए ऋषिकेश, दून या अन्य बड़ें शहरों की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। डॉ. रावत ने कहा कि पिथौरागढ़ में मेडिकल कॉलेज एक वर्ष के भीतर तैयार हो जाएगा। अस्पतालों में प्रतिदिन लगभग 37 हजार लोग ओपीडी में आते हैं। सरकार ने आम लोगों को राहत देते हुये ओपीडी का पर्चा 29 रुपए से घटाकर 20 रुपए करने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही अब एक प्रदेश एक पर्चा के तहत किसी भी अस्पताल का पर्चा अन्य अस्पताल में भी चलेगा। डा. रावत ने कहा कि राज्य सरकार 15 अगस्त को एयर एम्बुलेंस योजना का शुभारम्भ करने जा रही है, जिसका फायदा प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों के लोगों को मिलेगा।
बता दें कि श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के बेस अस्पताल में 6 करोड़ 35 लाख की लागत से कार्डियक कैथ लैब का निर्माण किया गया है। कैथ लैब के बन जाने से गढ़वाल क्षेत्र की करीब 20 लाख की आबादी और चार धाम आने वाले यात्री हृदय की बीमारियों की जांच और उपचार श्रीनगर में करवा सकेंगे।