आदि कैलाश ट्रैकिंग से लौटा 10 सदस्यीय साहसिक दल, ग्लेशियरों पर दिख रहा ग्लोबल वर्मिंग का असर,

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PITHORAGARH:  आदि कैलाश, ॐ पर्वत की साहसिक यात्रा करके कुमाऊं और गढ़वाल का 10 सदस्यीय साहसिक दल बैजनाथ लौट आया। इस दौरान टीम ग्लोबल वर्मिंग के असर को साफ तौर पर देखा।

दल के टीम लीडर हरेन्द्र रावल ने बताया दल में कुमाऊं के तीन चमोली का एक, 5 उत्तरकाशी से एक देहरादून के एक सदस्य शामिल था। दल के प्रमुख डॉ रावल ने बताया कि आदि कैलाश के बेस कैम्प तक वाहनों के आवागमन से ग्लेशियरों पर विपरीत असर पड़ रहा है। आदि कैलाश पर्वत के ठीक सामने की पहाड़ियों में अब बर्फ  नहीं दिख रही है। हालांकि आदि कैलाश 4550 मित्र की उचाई में है यहाँ केदारनाथ से ठंड ज्यादा है।

टीम का कहना है कि ग्लेशियरों को बचाने के लिए सरकार को वाहनों की आवाजाही नियंत्रित करनी होगी। दल के सह टोली नायक वरिष्ठ पत्रकार आनंद बिष्ट  ने बताया ग्लेशियरों का तेजी से पिघलना एक चिंताजनक विषय है। प्रधानमंत्री के आदि कैलाश दौरे के बाद पर्यटकों और श्रद्धालुओं का आदि कैलाश की ओर खासा रुझान देखा जा रहा है। हालांकि यात्रा मार्ग पर अभी भी यात्रा करना जोखिम भरा है।

यात्रा के दौरान टीम के सदस्यों ने पार्वती कुंड, काली नदी के उद्गम स्थल के पास स्वच्छता अभियान भी चलाया।

 

 

 

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