इस बार कर्तव्यपथ के बजाए  भारत पर्व में दिखेगी उत्तराखंड की झांकी, देवभूमि की विकास यात्रा की झलक दिखेगी

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DEHRADUN:  कर्तव्य पथ पर होने वाली  गणतंत्र दिवस परेड में इस बार उत्तराखंड की झांकी नजर नहीं आएगी। इसकी जगह 23 से 31 जनवरी तक लाल किले में आयोजित होने वाले भारत पर्व में उत्तराखंड की झांकी को शामिल किया जाएगा। विकसित उत्तराखंड की थीम पर झांकी तैयार की जा रही है। बीते वर्ष गणतंत्र दिवस समारोह की परेड में उत्तराखंड की मानसखंड झांकी को पहला स्थान मिला था। लेकिन केंद्र सरकार ने गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने वाली झांकियों का तीन साल का रोस्टर तैयार किया है। जिससे सभी राज्यों को अपनी झांकियां प्रस्तुत करने का मौका मिल सके। इस वजह से इस बार उत्तराखंड की झांकी कर्तव्यपथ पर नहीं दिखेगी। हालांकि केंद्र सरकार की ओर से 23 से 31 जनवरी तक होने वाले भारत पर्व में उत्तराखंड की झांकी होगी।

सूचना एवं लोकसंपर्क विभाग के नोडल अफसर के एस चौहान ने बताया उत्तराखंड की झांकी इस बार गणतंत्र दिवस परेड की बजाय भारत पर्व में दिखाई देगी। विकसित उत्तराखंड की थीम पर झांकी का मॉडल तैयार कर लिया गया है।

देवभूमि उत्तराखंड में विकसित भारत के तहत ऑल वेदर रोड, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन, होम स्टे, रोपवे पर तेजी से कार्य किया जा रहा है। झांकी के अग्र भाग में पारंपरिक वेशभूषा में उत्तराखंडी महिला को स्वागत करते हुए दिखाया जाएगा। इसके अलावा ऑल वेदर रोड, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना, रोपवे व भारत के प्रथम गांव माणा के लिए रोड कनेक्टिविटी को दर्शाया गया है। झांकी के साथ उत्तराखंड की लोक संस्कृति पर आधारित पारंपरिक वेशभूषा में नृत्य करते हुए कलाकार हैं। इसके साथ ही पारंपरिक अनाज मंडुवा, झंगोरा, रामदाना व चौलाई की खेती व राज्य पक्षी मोनाल को प्रदर्शित किया गया। झांकी के मध्य भाग में होम स्टे को दिखाया गया है। स्वयं सहायता समूह में काम करते हुए स्थानीय महिलाओं व सुदूर पहाड़ों में सौर ऊर्जा व मोबाइल टावर को दिखाया गया है।

झांकी के माध्यम से राज्य की विकास यात्रा की झलक भारत पर्व के अवसर पर 23 से 31 जनवरी तक लाल किले पर देखने को मिलेगी।

 

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