बलिदानी कैप्टन को बहनों ने दी अंतिम विदाई, पंचतत्व में विलीन हुआ शहीद दीपक सिंह का पार्थिव शरीर

Share this news

DEHRADUN: भारत माता की जय….और जब तक सूरज चांद रहेगा, दीपक तेरा नाम रहेगा….के नारों के बीच डोडा में शहीद हुए कैप्टन दीपक सिंह को नम आंखों से अंतिम विदाई दी गई। हरिद्वार के खड़खड़ी घाट पर पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। इससे पहले जब शहीद की दो बहनों ने नम आंखों के साथ दीपक को अंतिम विदाई दी। रक्षाबंधन से पहले भाई की शहादत से बहनों की सारी खुशियां चूर हो गई।

बुधवार को जम्मू कश्मीर के डोडा में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में राष्ट्रीय राइफल्स के कैप्टन दीपक सिंह शहीद हो गए थे। गुरुवार दोपहर उनका पार्थिव शरीर एय़रपोर्ट पहुंचा जहां राज्यपाल ले जनरल गुरमीत सिंह व मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बलिदानी को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। इसके बाद बलिदानी का पार्थिव शरीर कुआंवाला स्थित उनके आवास पर लाया गया।

आवास पर शहीद को श्रद्धांजलि देने लोगों की भारी भीड़ उमड़ी। स्वजन ताबूत से लिपटकर बिलख पड़े। शहीद दीपक की बडी बहन और छोटी बहन ताबूत को देखकर चीख पड़ी। रक्षाबंधन से पहले भाई को खोने की पीड़ा उनके चेहरे पर साफ दिखाई दी। स्वजनों की चीत्कार और विलाप देख वहां मौजूद हर किसी की आंख नम हो गई। इस दौरान लोगों में गम और गुस्सा दोनों दिखा। लोगों ने भारत माता की जयघोष की, तो वहीं पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे भी लगाए। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पुलिस–प्रशासन के अधिकारियों सहित कई लोगों ने बलिदानी को श्रद्धांजलि अर्पित की।

इसके बाद बलिदानी का पार्थिव शरीर हरिद्वार ले जाया गया। जहां खड़खड़ी घाट पर पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। घाट पर शहीद को अंतिम विदाई देने सैकड़ों लोग उमड़े।

शहीद कैप्टन दीपक सिंह की दो बहनें हैं, जिनमें से एक की शादी पिछले साल हुई है। कैप्टन दीपक सिंह का मूल निवास उत्तराखंड के रानीखेत में है और वे वर्ष 2020 में भारतीय सेना में कमीशन हुए थे। जिस वक्त दीपक की शहदत की खबर परिवार को दी गई, उनके माता-पिता केरल में बेटी के घर पर थे।

ये 15 अगस्त हमेशा याद रहेगा

शहीद कैप्टन दीपक सिंह का परिवार उत्तराखंड के देहरादून में रहता है। उनके पिता महेश सिंह इसी साल 30 अप्रैल को उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय से रिटायर हुए हैं। वे उत्तराखंड के पुलिस महानिरीक्षक अभिनव कुमार के गोपनीय सहायक थे। बेटे की शहादत पर महेश सिंह ने कहा कि दीपक हमेशा से सेना में शामिल होकर देश की सेवा करना चाहता था। अब जब भी 15 अगस्त आएगा, बेटे के बलिदान को याद करूंगा।

(Visited 208 times, 1 visits today)

You Might Be Interested In