सुप्रीम कोर्ट ने दिया विधानसभा के बर्खास्त कर्मचारियों को  झटका,  SLP खारिज करते हुए स्पीकर रितु के फैसले को सही ठहराया

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Dehradun:  सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा के बर्खास्त कर्मचारियों की विशेष अनुमति याचिका को खारिज करते हुए कर्मचारियों को बड़ा झटका दिया है। इससे पहले नैनीताल हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट की सिंगल बेंच भी अवैध रूप से भर्ती हुए कर्मचारियों को हटाने के फैसले को सही ठहरा चुके हैं। बर्खास्त कर्मचारियों ने कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर की थी, जिसे मात्र डेढ़ मिनट की सुनवाई में खारिज कर दिया गया।

बता दें कि उत्तराखंड विधानसभा में 2016 से 2021 के बीच नियमों को ताक पर रखकर तदर्थ नियुक्तियां की गई थी। मामला सामने आने के बाद स्पीकर रितु खंडूड़ी ने जांच बिठाई थी और जांच रिपोर्ट के आधार पर 228 कार्मिकों को बर्खास्त कर दिया था। कर्मचारियों ने स्पीकर के फैसले को पहले हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन दोनों जगह से निराशा मिली। कर्मचारियों ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की थी,जिस पर मात्र डेढ़ मिनट की सुनवाई में याचिका को निरस्त कर दिया।

उत्तराखंड विधानसभा सचिवालय की ओर से पैरवी कर रहे वकील अमित तिवारी ने बताया की वर्ष 2021 में विधानसभा में तदर्थ रूप से नियुक्त हुए 72 कर्मचारियों द्वारा दाखिल की गई याचिका (एसएलपी) को आज उच्चतम न्यायालय की डबल बेंच के न्यायधीश हृषिकेश रॉय और न्यायधीश मनोज मिश्रा द्वारा सुना गया जिसमे डबल बेंच ने मात्र डेढ़ मिनट में ही याचिकाकर्ताओं की याचिका को निरस्त कर दिया और उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी भूषण के द्वारा लिए गए फैसले को सही ठहराया।

 

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