भर्ती घोटाला: जिस प्रिंटिंग प्रेस से लीक हुआ पेपर, उसका मालिक गिरफ्तार, सचिवालय रक्षक भर्ती केस में भी पहली गिरफ्तारी
LUCKNOW/DEHRADUN: UKSSSC पेपर लीक मामले में एसटीएफ को एक और बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। पेपर लीक करने की जड़ माने जाने वाली प्रिंटंग प्रेस आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशन का मालिक राजेश चौहान एसटीएफ के हत्थे चढ़ा है। राजेश चौहान को लखनऊ से अरेस्ट किया गया है। इस मामले में अब तक यह 25वीं गिरफ्तारी है। उधर सचिवालय रक्षक भर्ती मामले में भी एसटीएफ ने इसी प्रिंटिंग प्रेस से पहली गिरफ्तारी की है।
लंबी पूछताछ के बाद एसटीएफ ने लखनऊ प्रिंटिंग प्रेस आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशन के मालिक राजेश चौहान को गिरफ्तार कर लिया है। राजेश चौहान को एसटीएफ ने पेपर लीक करने और केंद्रपाल व अन्य के माध्यम से पेपर का सौदा करने के सबूत के आधार पर गिरफ्तार किया है। इस सारे घोटाले की जड़ यही प्रिंटिंग प्रेस मानी जा रही है। चार-पांच दिसम्बर को आयोग की ओर से करवाए गया स्नातक स्तर का पेपर प्रिंटिंग प्रेस से ही सबसे पहले लीक हुआ था। इस मामले में प्रिंटिंग प्रेस के दो आरोपित जयजीत व अभिषेक वर्मा को एसटीएफ पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।
सचिवालय रक्षक भर्ती मामले में पहली गिरफ्तारी
एसटीएफ ने सचिवालय रक्षक भर्ती घोटाले में भी जांच तेज कर दी है। वीडीओ पेपर लीक प्रकरण में पहले से गिरफ्तार 6 आरोपियों का इस केस से भी कनेक्शन है। इसके अलावा एसटीएफ ने सचिवालय रक्षक भर्ती प्रकरण में पहली गिरफ्तारी की है। यह गिरफ्तारी पेपर छापने वाली कंपनी आरआईएमएस के कर्मचारी प्रदीप पाल के रूप मे हुई है। सचिवालय रक्षक भर्ती मामले में थाना रायपुर में एसटीएफ की ओर से मुकदमा दर्ज कराया था।
एसटीएफ की टेक्निकल टीम ने यूकेएसएसएससी में गहन जांच बाद इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस पाने में सफलता प्राप्त की है। जिसके बाद बाराबंकी निवासी प्रदीप पाल से पूछताछ की गई। साक्ष्य व गहन पूछताछ के बाद एसटीएफ द्वारा प्रदीप पाल को गिरफ्तार कर मामले का खुलासा कर दिया गया है। आरोपित आरआइएमएस कंपनी का कर्मचारी था और आयोग में लंबे समय से कार्यरत था। बताया गया कि प्रदीप पाल के द्वारा ही पेन ड्राइव के माध्यम से प्रश्न पत्र चुराया गया था। इसके बाद अन्य साथियों की मदद से प्रदीप पाल ने परीक्षार्थियों को लाखों रुपए में पेपर बेचा था।एसटीएफ के एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि जो छात्र सचिवालय रक्षक परीक्षा में अनुचित साधन से उत्तीर्ण हुए हैं, उनको चिन्हित कर लिया गया है। वह अपने बयान खुद आकर दर्ज करवाएं।