स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने बनाया मास्टर प्लान, ग्रामीण , पहाड़ी क्षेत्रों को मिलेगी राहत

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DEHRADUN:  उत्तराखंड में अब स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स की कमी को दूर करने के लिए मास्टर प्लान तैयार किया गया है । राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने इसके लिए सारी तैयारियां कर ली है। स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स की कमी के कारण खासतौर से पहाड़ी क्षेत्रों में मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। अब नए प्लान के बाद इस दिक्कत को दूर कियाजा सकता है।

नेशनल हेल्थ मिशन के तहत स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की भर्ती के लिए 16 फरवरी को पहले चरण के इंटरव्यू किए जाने हैं। एनएचएम के तहत विशेषज्ञ डॉक्टरों को अब राज्य सरकार की तरफ से वह तमाम सुविधाएं मिल सकेंगी जो उन्हें निजी क्षेत्र में मिलती है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की लगातार तैयारियों में जुटा हुआ था। राज्य के स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने अवगत कराया कि लगातार पहाड़ी क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा की जा रही है। कई जगहों से हमें यह जानकारी मिली कि विशेषज्ञ डॉक्टर की कमी के कारण ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले मरीजों को खासी दिक्कत का सामना करना पड़ता है. लेकिन अब राज्य सरकार विशेषज्ञों को तैनात करने की दिशा में काम कर रही है।

स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के पास न तो दवाइयों की कमी है, न सुविधाओं की कमी है और न ही अस्पतालों में मशीनों की कमी है। लेकिन विशेषज्ञ डॉक्टर ना होने से कई बार समस्या बढ़ जाती थी। इसे अब दुरुस्त कर लिया जाएगा। राज्य का स्वास्थ्य विभाग एक नए मिशन के साथ तैयारियों में जुटा हुआ है ताकि प्रत्येक नागरिक को सरकारी अस्पतालों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सके। स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की तैनाती से खासतौर से ग्रामीण और पहाड़ी क्षेत्रों में मरीजों को बड़ा राहत मिल सकेगी।

 

 

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