कोऑपरेटिव बैंकों की भर्ती में हुआ बड़ा घोटाला, CMO को भेजी गई रिपोर्ट, रद्द हो सकती हैं नियुक्तियां

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DEHRADUN: भर्ती घोटालों के लिए बदनाम हो चुके उत्तराखंज के सरकारी सिस्टम पर एक और दाग लगा है। हालांकि सहकारी विभाग के तहत कोऑपरेटिव बैंकों में हुई भर्तियों में घोटाले की बात लंबे समय से उठती आ रही है, लेकिन अब शासनस्तर की जांच में इसकी पुष्टि हो गई है। देहरादून, ऊधम सिंह नगर व पिथौरागढ़ में जिला सहकारी बैंकों में चतुर्थ श्रेणी के पदों (चौकीदार व गार्ड) पर भर्ती घोटाले की जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजा गया है। जल्द ही मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से इन भर्तियों को निरस्त करने का फैसला लिया जा सकता है।

पिछले साल जिला सहकारी बैंकों में चतुर्थ श्रेणी के 400 से अधिक पदों पर नियुक्ति देने का पूर्व में निर्णय लिया गया था। लेकिन भर्तियों में घोटाले की बात सामने आई थी। आरोप लगे कि देहरादून, ऊधम सिंह नगर व पिथौरागढ़ जिलों में भी नियमों की अनदेखी कर चहेतों को नियुक्तियां दी जा रही हैं। 150 से ज्यादा अभ्यर्थियों को चयनित कर उन्हें नियुक्ति पत्र भी थमा दिए गए थे। इस संबंध में हुई शिकायतों के बाद सरकार ने पूरी भर्ती प्रक्रिया को स्थगित करते हुए तीनों जिलों में जांच कराई। प्रकरण की गहन जांच के बाद जांच अधिकारी ने शासन को रिपोर्ट सौंपी। इसमें तीनों जिलों में नियुक्ति के लिए तय मानकों की अनदेखी करने के साथ ही धांधली की पुष्टि हुई थी। रिपोर्ट में संबंधित जिला सहकारी बैंकों की चयन समिति का पक्ष न होने पर इसे जांच अधिकारी को लौटाया गया। जांच अधिकारी ने चयन समितियों का पक्ष लेकर समग्र रिपोर्ट शासन को सौंपी

सचिव स्तर से यह रिपोर्ट उच्च स्तर पर सौंपी गई, जहां से इसे मुख्यमंत्री कार्यालय भेज दिया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अब इस रिपोर्ट पर कार्रवाई के संबंध में बड़ा निर्णय लेने की तैयारी है। इसके तहत पूर्व में जिन अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिए गए थे, उन्हें रद्द किया जा सकता है। साथ ही संबंधित बैंकों की चयन समिति के संबंध में सरकार निर्णय ले सकती है।

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