उत्तरकाशी: स्यानाचट्टी में राहत कार्यों में देरी पर भड़के लोग, झील में उतरकर किया प्रदर्शन, मौके पर पहुंचे डीएम, 2 फुट कम हुआ पानी

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UTTARKASHI:  उत्तरकाशी में यमुना नदी पर बनी झील के कारण स्यानाचट्टी कस्बा जलमग्न हो गया है। प्रशासन देरी से जागा तो लोगों का आक्रोश बढ़ रहा है। इसके विरोध में आज स्थानीय ग्रामीणों ने जलमग्न हुए यमुनोत्री पुल के पास खड़े होकर प्रदर्शन किया औऱ शासन प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। लोगों का साफ कहना है कि यदि पहले से बनी झील को उसी दौरान समय रहते साफ कर दिया होता और नदी को ठीक से चैनलाइज किया गया होता तो आज यह भयावह स्थिति पैदा नहीं होती। उधर डीएम उत्तरकाशी झील में प्रदर्शन कर रहे लोगों से मिलने पहुंचे और हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया।

प्रदर्शनकारी स्थानीय लोगों के मुताबिक 28 जून की रात को भी यहां अस्थायी झील बनी थी, लेकिन उसे हल्के में लिया गया और समय रहते समस्या का समाधान नहीं किया गया, जिसके चलते आज स्थिति विकराल हुई है। लोगों का कहना है कि प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य में भी सुस्ती दिखाई जिसकी वजह से वे प्रदर्शन को मजबूर हैं।

ग्रामीणों के आक्रमक रुख को देखकर प्रशासन के भी हाथ पैर फूल गए। आनन फानन में डीएम उत्तरकाशी प्रशांत आर्य स्थानीय विधायक के साथ राफ्ट से ग्रामीणों के बीच पहुंचे, लेकिन उन्हें भी लोगों के भारी विरोध को झेलना पड़ा। लोगों से वार्ता के बाद डीएम ने झील को जल्द से जल्द खोलने और हर संभव मदद का भरोसा दिलाया।

2 फुट कम हुआ पानी

स्यानाचट्टी में बनी झील के एक हिस्से को खोलने के लिए पीडब्ल्यूडी, एसडीआरएफ, सिंचाई विभाग और अन्य सम्बंधित एजेंसियां जुटी हैं। शुक्रवार को झील के जलस्तर में लगभग दो फूट तक कमी आई है।

8000 लोगों का संपर्क कटा

यमुनोत्री हाईवे पर स्थित स्यानाचट्टी में यमुना नदी पर बनी झील से यमुनोत्री धाम समेत गीठ पट्टी के 12 गांवों के करीब 8000 ग्रामीणों का तहसील मुख्यालय से संपर्क कट गया है। स्यानाचट्टी में यमुना नदी पर बनी झील के कारण मोटर पुल और कुछ सड़क का हिस्सा जलमग्न होने से क्षेत्र की आवाजाही बंद हो गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन को स्यानाचट्टी चट्टी में बनी झील से जल निकासी के लिए जिला प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित करते हुए चैनेलाइजेशन करने के लिए समुचित कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।

बता दें कि गुरुवार को यमुनोत्री हाईवे पर स्यानाचट्टी के पास कुपड़ा खड्ड में मलबा और बड़े पत्थर आने से यमुना नदी में बनी झील का जलस्तर फिर से बढ़ गया था। स्यानाचट्टी में घरों और होटलों में पानी घुस गया, जिससे दहशत फैल गई। हालात की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन और पुलिस ने स्यानाचट्टी, कुथनौर और खरादी के सभी भवनों और होटलों को खाली करवा दिया। करीब 300 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है।

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