धामी सरकार का एक साल पूरा, सीएम ने उपलब्धियां गिनाकर मनाया जश्न, कई घोषणाएं की
DEHRADUN: पुष्कर सिंह धामी2.0 सरकार का एक साल का कार्यकाल पूरा हो गया है। एक साल के कार्यकाल को ‘एक साल नई मिसाल’ के रूप में मनाया जा रहा है। भाजपा संगठन ने हर विधानसभा क्षेत्र में कार्यक्रम आयोजित किए हैं। वहीं सरकार का मुख्य कार्यक्रम देहरादून में हुआ, जिसमें सीएम धामी ने एक साल के कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाई। सीएम ने इस दौरान कुछ घोषणाएं भी की हैं।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि हमारी सरकार ने एक साल में कई कड़े फैसले लिए हैं। हमने जनता से किए वादों को धरातल पर उतारा है। उत्तराखंड में ऐसा पहली बार हुआ कि जनता ने एक ही पार्टी को दोबारा सत्ता दिलाई। ये जनता की जीत थी, इसलिए हम जनता से किए वादों पर अमल करते हुए आगे बढ़ रहे हैं। देहरादून में आयोजित कार्यक्रम में एक साल नई मिसाल पुस्तिक का विमोचन भी किया गया
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हो इसके लिए सरकार प्रयास कर रही है। एक साल का कार्यकाल मूल्यांकन के लिए बहुत कम होता है लेकिन इस एक साल में सरकार ने कई बड़े कार्य किए हैं। धामी ने एक एक कर उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि
युवाओं से धोखा करने की अब कोई सोचेगा भी नहीं, राज्य में सख्त नकल विरोधी कानून लाया गया है।
सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30 फीसद क्षैतिज आरक्षण का रास्ता साफ किया
राज्य आंदोलनकारियों के 10 फीसद क्षैतिज आरक्षण का फैसला किया
जबरन धर्मांतरण कानून को और अधिक सख्त बना दिया गया। इसमें 10 साल तक सजा का प्रावधान किया गया।
गरीब परिवारों को साल में 3 मुफ्त गैस सिलेंडर रिफिल कराने की सुविधा दी है।
समान नागरिक संहिता के लिए कमेटी का गठन किया है।
सीएम ने की घोषणाएं
प्रतियोगी परीक्षाओं के परीक्षार्थियों को आने जाने के लिए रोडवेज किराए में 50% छूट दी जाएगी।
कक्षा 6 से ही प्रतियोगी परीक्षा के लिए तैयारी करेंगे छात्र।
उत्तराखंड में साइंस एंड टेक्नोलॉजी पॉलिसी लाई जाएगी।
दूरस्थ क्षेत्रों के लिए लैब ऑन व्हील बनेगा।
हल्द्वानी के स्पोर्ट्स स्टेडियम में खेल विश्वविद्यालय बनेगा।
स्नातक पास छात्रों के स्किल डेवलपमेंट के लिए योजना शुरू होगी। जिससे युवा विदेशों तक जा सकेंगे।
250 आबादी वाले गांवों को मुख्य सड़कों से जोड़ा जाएगा।
जिला सेवायोजन कार्यालय को स्वरोजगार के नोडल के तौर पर भी जिम्मेदारी दी जाएगी।
दिवालीखाल से गैरसैंण तक की सड़क का चौड़ीकरण होगा।
स्वतंत्रता सेनानी के निधन के बाद पेंशन उनकी पत्नी को दी जाएगी।
इगास बग्वाल जैसे पारंपरिक लोक उत्सवों को पहचान दिलाने के लिए समेकित रूप से नीति बनेगी।
श्रमिकों के बच्चों के लिए चलते फिरते स्कूल खोले जाएंगे