Ankita Murder Case: परिजनों को 25 लाख मुआवजा, वकीलों ने आरोपियों का केस लड़ने से किया इनकार, 6 अक्टूबर तक बढ़ी न्यायिक हिरासत

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अंकिता भंडारी हत्याकांड में आरोपी पुलकित आर्य, सौरभ और अंकित की ज्यूडिशियल कस्टडी 6 अक्टूबर तक बढ़ा दी गई है। कोटद्वार के वकीलों ने आरोपियों का केस लड़न स, इनकार कर दियाजिसके बाद आज सुनवाई नही हो सकी। उधर सीएम धामी ने अंकिता के परिजनों को 25 लाख की मुआवजा राशि देने की घोषणा की है। (Lawyers refused to fight case of accused in Ankita Murder Case) देहरादून में कांग्रेस ने मामले की सीबीआई जांच को लेकर आज प्रदर्शन किया।

वनंतरा रिजॉर्टक के मालिक और भाजपा नेता के बेटे पुलकित आर्य सहित दो हत्यारोपियों को पुलिस ने 23 सितंबर को गिरफ्तार किया था। हत्यारोपियों को गिरफ्तारी के बाद न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था, जिसके बाद प्रदेशभर में प्रदर्शन कर रहे रहे लोगों ने पुलिस रिमांड नहीं मिलने पर कई सवाल उठाए थे।  आरोपियों की बेल एअप्लीकेशन पर आज सुनवाई होनी थी लेकिन सुनवाई से पहले पुलकित आर्य के वकील ने केस ड्रॉप कर दिया। इसके बाद  कोटद्वार बार एसोसिएशन के सभी वकीलों ने आरोपियों का केस लड़ने से मना कर दिया। एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय पंत ने कहा कि अंकिता हत्याकांड ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है और यह दिल दहलाने वाला हादसा है। उन्होंने कहा कि सभी अधिवक्ता अंकिता के परिवार के साथ हैं और सभी मिलकर यह प्रयास करेंगे कि अंकिता के परिवार को शीघ्र इंसाफ मिले। वकीलों के इनकार के बाद आरोपियों की बेल पर सुनवाई नही हुई और ज्यूडिशयल कस्टडी को 6 अक्टूबर तक बढ़ा दिया गया है।

परिवार को 25 लाख का मुआवजा

अंकिता भंडारी हत्याकांड को लेकर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अंकिता के परिजनों को 25 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है। सीएम ने कहा कि हमने न्यायालय से अनुरोध किया हुआ है कि मामले की जल्द से जल्द सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट बना दिया जाए। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में इस तरह की घटना सहन करने योग्य नहीं है, दोषियों को कठोर से कठोर सजा के लिए हमने कोर्ट से अनुरोध किया है।

कांग्रेस का पदर्शन

उधर अंकिता हत्याकांड में सबूतों को मिटाने, और जांच में हीलाहवाली का आरोप लगाते हुए आज कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने गांधी पार्क में उपवास कर विरोध दर्ज किया। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल के नेतृत्व में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत समेत कई बड़े नेता गांधी पार्क में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने उपवास पर बैठे। इस दौरान धरने को यूकेडी, माकपा और तमाम दूसरे संगठनों ने भी अपना समर्थन दिया है। कांग्रेस ने मामले में सीबीआई जांच की मांग की।

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