पुष्कर धामी को रिकॉर्ड तोड़ जीत दिलाने वाला बाजीगर, कैलाश गहतोड़ी
CHAMPAWAT: चंपावत उपचुनाव में सीएम पुष्कर धामी ने प्रचंड जीत दर्ज कर नया इतिहास रचा है। चंपावत की जनता ने सीएम के लिए दिल खोलकर वोटिंग की और अपना प्यार लुटाया। लेकिन सीएम धामी को चंपावत का (Kailash Ghatori major face behind cm dhami’s success in Champawat) विधायक बनाने के पीछे एक शख्स का बहुत बड़ा त्याग और मेहनत रही, वो शख्स है पूर्व विधायक कैलाश गहतोड़ी। सीएम धामी के साथ साए की तरह कदम दर कदम कैलाश गहतोड़ी ने पुष्कर को चंपावत परिचित कराया।
जिस दिन मुख्य चुनावों के नतीजे घोषित हुए और धामी को खटीमा से हार मिली, कैलाश गहतोड़ी ने उसी दिन ये ऐलान कर दिया था कि बीजेपी अगर धामी को ही सीएम बनाती है तो वो अपनी सीट छोड़ने के लिए तैयार हैं। दो महीने बाद कैलाश की ये हसरत पूरी हुई। गहतोड़ी ने सीएम के लिए बहुत बडा त्याग किया। आज की राजनीति में शायद ही कोई ये साहस दिखा पाए। लेकिन कैलाश गहतोड़ी को चंपावत की फिक्र थी, चंपावत के विकास की चिंता थी, इसलिए चंपावत को धामी के हाथों में सौंपने का बड़ा फैसला लिया। धामी जब पहली बार चंपावत आए तो गहतोड़ी साए की तरह उनके साथ लग गए। हर छोटी बड़ी जगह, गांवों, कस्बों,बाजारों में धामी को लोगों से मिलवाया। लोगों में ये विश्वास दिलाया कि अगर मुख्यमंत्री चंपावत का होगा तो यहां का खुद ब खुद विकास होगा। कैलाश गहतोड़ी की इस अपील को जनता से सिर माथे लिया और धामी को प्रचंड जीत का तोहफा दिया।
सार्वजनिक जीवन में कैलाश गहतोड़ी ऐसा नाम है, जो कैंसर से जूझने के बाद भी समाज के लिए समर्पित रहा। 2017 में विधायक चुने जाने के बाद ही वे कैंसरसे ग्रसित हो गए। लेकिन जीवन का संघर्ष जारी रहा। गहतोड़ी ने न सिर्फ कैंसर को मात दी बल्कि लोगों के दिलों में भी भावनात्मक जगह बना ली। दो साल कोरोना में निकल गए। इस तरह गहतोड़ी को क्षेत्र के संपूर्ण विकासका समय नहीं मिल सका। लेकिन 2022 की जीत को कैलाश ने अवसर की तरह देखा। और जब धामी चुनाव हार गए तो फौरन राजनीतिक बलिदान का ऐलान कर दिया।
कैलाश गहतोड़ी वो नाम है, जो नेता होते हुए भी गरीब वंचित बच्चों की फिक्र करता है।कैलाश गहतोड़ी काशीपुर में स्कील चलाते हैं जहां जो सैकड़ों अनाथ, बेसहारा बच्चे निशुल्क शिक्षा ले रहे हैं। क्षेत्र के कई बेसहारा लोगों के लिए भी कैलाश गहतोड़ी के दरवादे हमेशा खुले रहते हैं। चंपावत क्षेत्र में जब भी किसी बेटी को, किसी महिला को, किसी व्यापारी को या किसी युवा को किसी भी तरह की मदद की जरूरत पड़ी तो कैलाश गहतोड़ी मदद करने सबसे आगे आए हैं।
बकौल गहतोड़ी वे अब विधायक नहीं हैं, इसलिए समाज सेवा में ज्यादा ध्यान लगा पाएंगे। गहतोड़ी सीएम धामी का आभार व्यक्त करते हैं और कहते हैं कि अब चंपावत का भविष्य सही हाथों में है। यहां की जनता गर्व से कह सकेगी कि हमारा विधायक, प्रदेश का मुखिया है।