उत्तराखंड में अवैध खनन का मुद्दा संसद में उठा, खनन सचिव ने कहा आरोप झूठे

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DEHRADUN: उत्तराखंड में अवैध खनन का मुद्दा देश की संसद में भी गूंजा है। पूर्व सीएम और हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गुरुवार को लोकसभा में अवैध खनन से भरे ट्रकों और उनसे सड़कों पर जनता की सुरक्षा से जुड़े गंभीर मुददे की ओर सरकार का ध्यान आकृष्ट किया। उन्होंने लोकसभा स्पीकर के जरिए केंद्र सरकार से मांग की कि अवैध तरीके से खनन सामग्री से भरे तेज गति से सड़कों पर चल रहे वाहनों की निगरानी के लिए विशेष टास्क फोर्स गठित की जाए। उन्होंने अवैध खनन सामग्री ढोने वाले ट्रक मालिकों के खिलाफ भी कठोर कार्रवाई करने की मांग की है। उधर उत्तराखंड के खनन सचिव ने कहा है कि ये आरोप पूरी तरह आधारहीन और बेबुनियाद हैं कि उत्तराखंड में अवैध खनन हो रहा है।

ऐसा दूसरी बार हुआ जब हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने लोकसभा सदन में हरिद्वार समेत पूरे राज्य में अवैध खनन का मुददा उठाया है। त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि हरिद्वार, देहरादून, नैनीताल और उधमसिंह नगर के जिलों में रात के समय अवैध रूप से संचालित खनन ट्रकों का संचालन हो रहा है। यह कानून और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए खतरा बनता जा रहा है। अपितु आम जनमानस की सुरक्षा को भी गंभीर रूप से प्रभावित कर रहा है। यह देखा गया है कि राज्य सरकार और प्रशासन के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद खनन माफियाओं द्वारा रात्रि के समय ट्रकों का अवैध संचालन धडल्ले से किया जा रहा है। इन ट्रकों में भारी मात्रा में ओवरलोडिंग की जाती है। बिना किसी वैध अनुमति के खनिजों का परिवहन किया जाता है। अवैध गतिविधियों के कारण राज्य में सड़कों, पुलों के बुनायादी ढांचे को भारी क्षति हो रही है। इससे आम नागारिकों के लिए आवागमन कठिन हो गया है। सबसे अधिक चिंताजनक बात यह है कि लापरवाही और तेज गति से वाहन संचालन के कारण सड़क दुर्घटनाओं लगातार बृद्धि हो गई है। कई निर्दोष लोगों की जान जा चुकी है। कई घायल हो चुके है। ट्रक चालकों द्वारा ट्रैफिक नियमों की अनदेखी और नशे की हालत में वाहन चलाना स्थानीय प्रशासन से मिलीभगत के चलते स्थिति और भी भयावह होती जा रही है।

त्रिवेंद्र ने स्पीकर के जरिए कहा कि यह भी आवश्यक है कि केंद्र सरकार इस गंभीर समस्या की ओर तत्काल ध्यान दे। प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करे। त्रिवेंद्र ने कहा कि केंद्र सरकार और उत्तराखंड राज्य प्रशासन से आग्रह करते है कि अवैध खनन गतिविधियों को रोकने के लिए यह विशेष टास्क फोर्स गठित की जाए। रात्रि के समय खनन के वाहनों पर प्रतिबंध लगाया जाए और सख्ती से निगरानी की जाए। ओवरलोडिंग रोकने हेतु सभी मुख्य मार्गो पर चैक पोस्ट लगाए जाए। दोषी ट्रक मालिकों पर कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाए। इस मामले में संलिप्त अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाए। लापरवाही बरतने वालों पर कठोर अनुशासत्मक कार्यवाही की जाए।

जाहिर तौर पर त्रिवेंद्र का संसद में उठाया गया मुद्दा राज्य की धामी सरकार पर सवाल खड़ा करता है। ये खबर सामने आने के बाद खनन सचिव बृजेश कुमार संत ने इन आरोपों को बे बुनियाद बताया है। खनन सचिव ने कहा कि ये कहना कि उत्तराखंड में अवैध खनन बढ़ा है पूरी तरह निराधार झूठी और गुमराह करने वाली बातें हैं।
वर्ष 2023-24 में राज्य बनने के बाद पहली बार खनन का राजस्व ढाई गुना बढ़ा है। विभाग ने 200 करोड़ के सरप्लस राजस्व जुटाया है। इससे साबित होता है कि अवैध खनन जैसी कोई बात नहीं है। जहां कुछ शिकायतें मिलती हैं हम तहसील स्तर पर तकनीक की मदद से ऐसे दोषियों को पकड़ते हैं। खनन सामग्री के अधिकतर ट्रक रात के समय चलते हैं।

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