देहरादून पहुंचा बलिदानी कैप्टन दीपक का पार्थिव शरीर, सीएम, राज्यपाल ने दी श्रद्धांजलि

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DEHRADUN:  विडंबना कहें या देश के लिए मर मिटने का जज्बा। एक तरफ देश स्वतंत्रता दिवस के जश्न में डूबा है, हर घर तिरंगा लहरा रहा है, वहीं शहीद कैप्टन दीपक सिंह का शरीर तिरंगे में लिपटकर आया है। जम्मू कश्मीर के डोडा में आतंकियों के साथ मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए 48 राष्ट्रीय राइफल्स के कैप्टन दीपक सिंह का पार्थिव शरीर गुरुवार को जैलीग्रांट एय़रपोर्ट लाया गया, जहां मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व राज्यपाल ले.ज. (से.नि.) गुरमीत सिंह ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

गुरुवार को दोपहर करीब एक बजे कैप्टन दीपक का पार्थिव शरीर देहरादून एयरपोर्ट पहुंचा। यहां फर उनके अंतम दर्शन के लिए लोगों की भीड़ उमड़ने लगी। सीएम धामी औऱ राज्यपाल भी यहा पहुंचे औऱ शहीद के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित कर उनकी शहादत को नमन किया। इस दौरान भारत माता की जय और दीपक सिंह अमर रहे के नारे गूंजते रहे। यहां से बलिदानी का पा‍र्थिव शरीर उनके आवास ले जाया गया।

डोडा में शहीद हुए थे दीपक

बता दें कि मंगलवार शाम से डोडा के अस्सार जंगल में आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली थी जिसके बाद से दोनों तरफ से गोलीबारी जारी रही। बुधवार सुबह तलाशी अभियान में घने जंगलों वाले इलाके में आतंकियों और सेना के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई। 48 राष्ट्रीय राइफल्स के युवा कैप्टन दीपक सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें सैन्य अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। घायल होने से पहले जांबाज कैप्टन दीपक सिंह ने एक आतंकी को मौत के घाट उतार दिया।

देहरादून के रेसकोर्स इलाके के रहने वाले निवासी 25 वर्षीय कैप्टन दीपक सिंह का पार्थिव शरीर गुरुवार को देहरादून लाया गया। मूल रूप से अल्मोड़ा के रानीखेत के रहने वाले कैप्टन दीपक का परिवार अब देहरादून में रहता है। कैप्टन दीपक 13 जून 2020 को सेना में कमीशन हुए थे। शहीद दीपक काउंटर इंसर्जेंसी 48 राष्ट्रीय राइफल्स में सिग्नल अधिकारी के पद पर तैनात थे। वह क्विक रिएक्शन टीम का नेतृत्व कर रहे जो अस्सार फॉरेस्ट एरिया में आतंकियों का सफाया करने में जुटी है। स्वतंत्रता दिवस से पहले इस तरह की खबर से पूरे उत्तराखंड मे शोक का माहौल है

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