भर्ती घोटालों से पशोपेश में बीजेपी हाईकमान, क्या धामी के 2 मंत्रियों पर गिरेगी गाज ?

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Dehradun: भर्ती घोटालों ने उत्तराखंड की सियासत में भी हलचल ला दी है। पहले उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में पेपर लीक प्रकरण और फिर विधानसभा में बैकडोर से भर्तियों का मामला गर्म है। कुछ अन्य भर्तियों में भी जांच की बात की जा रही है। भर्तियों में भ्रष्टाचार पर युवाओँ ने भी सड़कों पर उतरकर आक्रोश दिखाया है। सूत्रों की मानें तो इन मामलों को भाजपा हाईकमान ने बेहद गंभीरता से लिया है औऱ अब सरकार के दो मंत्रियों पर इसकी गाज गिर सकती है।

सूत्रों के अनुसार केंद्रीय हाईकमान ने मुख्यमंत्री धामी से भी इस मामले फीडबैक लिया है। उधर पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत के दिल्ली दौरे ने भी सियासी हलचलें बढ़ा दी हैं। माना जा रहा है कि पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने त्रिवेंद्र से भी स्थिति का जायजा लिया है। करप्शन के खिलाफ सीएम धामी के एक्शन को देखते हुए हाईकमान ने भी जीरो टॉलरेंस की नीति पर फोकस किया है।

सूत्रों की माने तो आज या कल तक पार्टी आलाकमान कोई बड़ा फैसला ले सकता है। माना ये भी जा रहा है कि इस पूरे प्रकरण में, खासतौर से विधानसभा भर्ती घोटाला मामले में धामी सरकार के दो मंत्रियों की कुर्सी जा सकती है। शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल विपक्ष ही नही बल्कि दो दो पूर्व मुख्यमंत्रियों के भी निशाने पर रहे हैं। उनके कार्यकाल में हुई भर्तियों पर पहले त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उन्हें आईना दिखाया और अब पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत ने भी नसीहत दे डाली। दोनों ही पूर्व सीएम संघ के करीबी माने जाते हैं।

इस पूरे मामले से राष्ट्रीय संगठन भी असहज महसूस कर रहा है यही वजह है कि इस मामले को जल्द से जल्द ठंडा करने के लिए दो मंत्रियों के इस्तीफे लिए जा सकते हैं। ताकि 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले इस मामले को पूरी तरह से शांत किया जा सके।

 

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