क्या आपको पता है G-20 में एक शेरपा होता है, क्या होता है शेरपा और भारत की तरफ से किसे मिली जिम्मेदारी, जानिए

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NEW DELHI: नीति आयोग के पूर्व चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर अमिताभ कान्त को भारत के G-20 समिट का शेरपा नियुक्त किया गया है। अमिताभ कान्त केरल कैडर के आईएएस रह चुके हैं। जी 20 सम्मेलन में शामिल होने वाले देश अपना एक शेरपा नियुक्त करते आए हैं। सम्मेलन में वह अपने नेताओं की मदद करते हैं और साथ ही अपने देश के नीतिगत फैसलों से सभी सदस्य देशों को अवगत कराते है।

2008 में फोरम के नेताओं का शिखर सम्मेलन बनने के बाद शेरपा ट्रैक की स्थापना की गई थी। इसमें राज्य के प्रमुखों के प्रतिनिधि शामिल हैं, और यह कृषि, भ्रष्टाचार विरोधी, जलवायु, डिजिटल अर्थव्यवस्था, शिक्षा, रोजगार जैसे सामाजिक-आर्थिक मुद्दों पर केंद्रित है।

G-20 में दो ट्रैक होते हैं एक शेरपा ट्रैक और दूसरा फाइनेंस ट्रैक। फाइनेंस ट्रैक का नेतृत्व वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों द्वारा किया जाता है, जो आम तौर पर साल में चार बार मिलते हैं, जिसमें दो बैठकें विश्व बैंक और आईएमएफ की बैठकों के मौके पर होती हैं।

अमिताभ कान्त ने बताया कि उन्होंने अन्य देशों के शेरपा और नेताओं के साथ चर्चाओं में भाग लिया, विशेष रूप से जलवायु और ऊर्जा से संबंधित प्रमुख मुद्दों पर प्रकाश डाला। कांत ने बताया कि वे उन मामलों को संबोधित कर रहे हैं जहां मंत्रिस्तरीय सहमति नहीं बन पाई है, उन्हें अधिक जन-केंद्रित बनाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने क्रिप्टो करेंसी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, जैसे मुद्दों पर अंतरराष्ट्रीय सहयोग के महत्व को भी पहचाना और उस दिशा में सक्रिय प्रयासों का संकेत दिया।

क्या होते हैं शेरपा

शेरपा नाम की कहानी बहुत दिलचस्प है. शेरपा नाम पहाड़ों में उनके लिए इस्तेमाल किया जाता है जो पर्यटक को ट्रैकिंग करने में मदद करते हैं। वैसे ही कूटनीति के जानकार ये शेरपा कई बड़े मोर्चे संभालेंगे । यह शब्द नेपाल और तिब्बत से आया है।

G20 के 18वे शिखर सम्मलेन की तैयारियां भारत में ज़ोरों शोरों से चल रही हैं। सम्मलेन दिल्ली के भारत  मंडपम, प्रगति मैदान पर 9 और 10 सितम्बर को होगा ।

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