UKSSSC भर्ती घोटाला: चंदन मनराल समेत 9 अन्य आरोपी जेल से बाहर, अब तक 18 आरोपियों को मिली जमानत
DEHRADUN: उत्तराखंड के बहुचर्चित यूकेएसएससी पेपर लीक मामले में अदालत में सरकार की कमजोर पैरवी की पोल खुल गई है। शुक्रवार को देहरादून की अदालत से मामले के 9 अन्य आरोपियों को जमानत मिल गई है। इससे पहले भी 9 आरोपी जमानत पर बाहर आ चुके हैं। इस तरह 18 आरोपी जमानत पा चुके हैं। इस केस में एसटीएफ ने 41 गिरफ्तारियां की थी। अभ केवल 23 आरोपी ही पुलिस हिरासत में बचे हैं। खास बहात ये है कि जमानत पाने वालों में इस केस का मास्टरमाइंड माना जाने वाला, हाकम और मूसा का करीबी चंदन मनराल भी शामिल है।
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग पेपर लीक मामले में देहरादून एडीजी चतुर्थ आशुतोष मिश्रा की अदालत में 14 लोगों की जमानत की अर्जी दाखिल की गई थी। जिनमें से 9 अभियुक्तों को जमानत मिल गई। इनके कब्जे से इस केस में किसी तरह के दस्तावेज या धन रिकवरी नहीं हुई है। सुनवाई के बाद एक एक लाख के निजी मुचलके पर इन 9 अभियुक्तों को जमानत मिल गई। हालांकि, कोर्ट के आदेशानुसार जमानत मिलने वाले लोगों को देश छोड़ने की इजाजत नहीं है।
जिन 9 अभियुक्तों को जमानत मिली है, इनमे सूर्यवीर सिंह चौहान, कुलबीर सिंह, अंबरीश कुमार, राजवीर, दीपक चौहान, अजीत चौहान, विनोद जोशी, चंदन मनराल और जगदीश गोस्वामी शामिल हैं। जबकि 5 लोगों को जमानत खारिज हुई है, उनके पास से अब तक पेपर लीक से संबंधित दस्तावेज और धन की रिकवरी हुई थी, जिस वजह से उन्हें जमानत नहीं मिल पाई। इनमें अमित सक्सेना, अभिषेक वर्मा, ललित राज शर्मा, विपिन बिहारी और तनुज शर्मा शामिल हैं। उनके ऊपर पिछले दिनों एसटीएफ 409 जैसी धाराएं भी बढ़ाई गई थी, जिसकी वजह से भी उनकी जमानत खारिज हुई है।
नहीं हो पाई पैसे की रिकवरी
इन सभी नौ आरोपियों से पैसे की रिकवरी न होने को जमानत का आधार बनाया गया है। इससे पहले भी नौ लोगों को इसी आधार पर जमानत मिली है। हालांकि, जांच अधिकारियों के अनुसार इतने पुराने मामले में रिकवरी होना बेहद मुश्किल होता है। अनुचित धन कमाकर लोगों ने संपत्तियां भी अर्जित की हैं। यही कारण है कि इनके खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई की गई है। गैंगस्टर एक्ट में संपत्तियों को जब्त करने का प्रावधान भी है।