9 दिन से टनल में फंसी 41 जिंदगियां, मदद के लिए पहुंची रोबोटिक्स मशीन, इंटरनेशनल एक्सपर्ट ने लिया अपडेट
UTTARKASHI: उत्तरकाशी की सिलक्यारा टनल में मजदूरों को फंसे 9 दिन हो गए हैं लेकिन बचाव का काम अभी भी जस का तस है। बार बार रेस्क्यू प्लान बदल रहे हैं। इस बीच रेस्क्यू में मदद के लिए डीआरडीओ के रोबोट की भी मदद ली जा रही है। अंतर्राष्ट्रीय टनल एक्सपर्ट अर्नोल्ड डिक्स ने भी घटनास्थल पर पहुंचकर रेस्क्यू प्लान की जानकारी ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी फोन पर सीएम पुष्कर धामी से रेस्क्यू का अपडेट लिया। कुल मिलाकर अब सारा दारोमदार वर्टिकल ड्रिलिंग पर टिका है।
रोबोटिक्स मशीन सिलक्यारा पहुंची
उत्तरकाशी सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बचाने के लिए रोबोटिक्स मशीन सिलक्यारा सुरंग स्थल पहुंच गई है। डीआरडीओ का आरओवी दक्श रोबोट रेस्क्यू में मदद के साथ मजदूरों को जरूरी सामान औऱ दवाइयां पहुंचाने में भी काम आएगा।
इंटरनेशनल टनल एक्सपर्ट पहुंचे
इंटरनेशनल टनलिंग एंड अंडरग्राउंड स्पेस एसोसिएशन के अध्यक्ष अर्नोल्ड डिक्स उत्तरकाशी टनल पर पहुँचे और उस स्थान पर जाकर पहाड़ की चट्टानों और मिट्टी का परीक्षण किया जहां से वर्टिकल ड्रिल करके नौ दिन से फँसे लोगो को निकाला जाना है। अर्नोल्ड ने रेस्क्यू शुरू करने से पहले बौखनाग देवता के मंदिर में माथा टेका औऱ मिशन के सफल होने कामना की। अर्नोल्ड ने कहा कि एजेंसियों से बेहतर प्लान बनाया है और उम्मीद है कि जल्द ही मजदूरों को बाहर निकालने में कामयाब होंगे।
पीएम मोदी ने लिया अपडेट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बातचीत कर उत्तरकाशी में सिल्क्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों के लिए चलाए जा रहे राहत और बचाव कार्यों का अपडेट लिया। पीएम मोदी ने कहा, केंद्र सरकार की ओर से सभी जरूरी उपकरण और संसाधन लगातार उपलब्ध कराए जा रहे हैं। साथ ही केंद्र और राज्य की एजेंसियों के समन्वय से मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला जाएगा। फंसे हुए मजदूरों का मनोबल बनाए रखने की जरूरत है
वर्टिकल ड्रिलिंग पर उम्मीद
रेस्क्यू ऑपरेशन का दारोमदार अब वर्टिकल ड्रिलिंग पर टिका है। ड्रिलिंग मशीनों को सुरंग के ऊपर पहुंचाने के लिए रास्ता तैयार हो गया है। मशीनें भी पहुंच गई हैं। जल्द इसके शुरू होने की उम्मीद हैं। हालांकि इस पूरे प्रोसेस में 2 दिन लग सकते हैं। टनल में जहां मलबा फंसा है उसके ठीक ऊपर 1.2 मीटर व्यास का छेद किया जाएगा, जिसके जरिए मजदूरों को बाहर लाने का प्लान है। इससे कुछ दूरी पर एक और छेद किया जाएगा जिसके जरिए खाने पीने का सामान और दवाइयां मजदूरों तक पहुंचाई जाएंगी।
6 इंच का पाइप डाला गया
अब तक मजदूरों को जिस पाइप के जरिए खाना पीना पहुंचाया ज रहा था, टनल में दो जगह टूट गया है। लिहाजा अब नया 6 इंच का पाइप सुरंग में डाला गया है।