पैतृक घाट पर शहीद भूपेंद्र नेगी को नम आंखों से दी गई अंतिम विदाई

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DEHRADUN:   लद्दाख में सैन्य अभ्यास के दौरान शहीद हुए उत्तराखंड के जवान भूपेंद्र सिंह नेगी का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार हो गया। मंगलवार सुबह शहीद भूपेंद्र का पार्थिव शरीर पौड़ी स्थित उनके पैतृक गांव बिशल्ड पहुंचा जहां उन्हें नम आंखों के साथ अंतिम विदाई देने के लिए सैकड़ों लोग उमड़े। कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत, कांग्रेस नेता गणेश गोदियाल ने भी शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की।

बता दें कि लद्दाख के दौलत बेग ओल्डी इलाके में टैंक अभ्यास के दौरान बड़ा हादसा हो गया था। श्योक नदी को पार करते हुए टी-72 टैंक इसमें बह गया था जिससे जेसीओ समेत 5 जवान शहीद हो गए थे। उनमें पौड़ी के बिसल्ड गांव के रहने वाले भूपेंद्र सिंह नेगी भी थे। भूपेंद्र की शहादत से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है। जैसे ही उनका पार्थिव शरीर पैतृक गांव पहुंचा, उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए आस पास के हजारों लोग नम आंखों के साथ वहां पहुंचे। पैतृक घाट पर पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया।

38 वर्षीय शहीद भूपेंद्र नेगी सेना की 52वीं आर्मर्ड रेजिमेंट में दफादार (सूबेदार) पद पर तैनात थे। भूपेंद्र नेगी अपने पीछे तीन बहन, पिता, पत्नी और 3 बच्चों को छोड़ गए हैं। भूपेंद्र के पिता, पत्नी और उनके बच्चे देहरादून में रहते हैं।

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