हल्द्वानी मूल निवास भू कानून रैली में उमड़ा विशाल जनसैलाब, हजारों लोगों ने दिखाई ताकत
Haldwani: मूल निवास का कटऑफ वर्ष 1950 करने व मजबूत भू-कानून लागू करने को लेकर रविवार को हल्द्वानी में विशाल रैली निकली। मूल निवास भू कानून समन्वय संघर्ष समिति के बैनर तले हल्द्वानी में कुमाऊं के दूर दराज के हजारों लोगों के अलावा कई संगठनों ने हिस्सा लिया। लोगों का कहना था कि मूल निवास हमारी पहचान और अस्मिता का सवाल है। हमारे हक हकूकों पर दूसरे प्रदेशों के लोग मौज कर रहे हैं।
बुद्ध पार्क से शुरू हुई मूल निवास स्वाभिमान रैली में युवाओं ने अपनी मांगों को लेकर हुंकार भरी, तिकोनिया स्थित बुध पार्क से हजारों युवा जुलूस निकालकर हीरानगर गोलजू मंदिर तक गए। इस दौरान विभिन्न सामाजिक राजनीतिक व क्षेत्रीय संगठनों ने भू कानून और उत्तराखंड वासियों को मूल निवास 1950 दिए जाने की मांग की।
रैली में अल्मोड़ा, बागेश्वर, चंपावत, नैनीताल, पिथौरागढ़, ऊधमसिंह नगर से बड़ी संख्या में लोग पहुंचे हैं। बता दें, कि प्रदेश में भू-कानून और मूल निवास के मुद्दे पर गरमाई सियासत के बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में चार सदस्यीय प्रारूप समिति का गठन किया गया था।
मूल निवास भू कानून संघर्ष समिति की मांगें
– प्रदेश में ठोस भू कानून लागू हो।
– शहरी क्षेत्र में 250 मीटर भूमि खरीदने की सीमा लागू हो।
– ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगे।
– गैर कृषक की ओर से कृषि भूमि खरीदने पर रोक लगे।
– पर्वतीय क्षेत्र में गैर पर्वतीय मूल के निवासियों के भूमि खरीदने पर तत्काल रोक लगे।
– राज्य गठन के बाद से वर्तमान तिथि तक सरकार की ओर से विभिन्न व्यक्तियों, संस्थानों, कंपनियों आदि को दान या लीज पर दी गई भूमि का ब्यौरा सार्वजनिक किया जाए।
– प्रदेश में विशेषकर पर्वतीय क्षेत्र में लगने वाले उद्यमों, परियोजनाओं में भूमि अधिग्रहण या खरीदने की अनिवार्यता है या भविष्य में होगी, उन सभी में स्थानीय निवासी का 25 प्रतिशत और जिले के मूल निवासी का 25 प्रतिशत हिस्सा सुनिश्चित किया जाए।
– ऐसे सभी उद्यमों में 80 प्रतिशत रोजगार स्थानीय व्यक्ति को दिया जाना सुनिश्चित किया जाए।