पीएम मोदी की उत्तराखंडवासियों से अपील, अपनी बोली भाषा बचाएं, उजड़े गांवों को संवारें

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रैबार डेस्क: उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी उत्तराखंडवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि डबल इंजन की सरकार के युग में उत्तराखंड में विकास का महायज्ञ चल रहा है। उन्होंने प्रदेश की धामी सरकार की प्रशंसा करते हुए, राज्य के सर्वागीण विकास के लिए प्रदेशवासियों और यहां आने वाले पयर्टकों से नौ आग्रह भी किए हैं। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने प्रदेश वासियों से 9 आग्रह करते हुए कहा कि उत्तराखंड की बोली भाषाओं के संरक्षण व प्रसार के विशेष प्रयास करने होंगे। उत्तराखंडवासियों को अपने गांवों की सुध लेनी होगी।

 

शनिवार को पुलिस लाइन में आयोजित पुलिस रैतिक परेड को वीडियो संदेश के जरिए संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज से उत्तराखंड का रजत जयंती वर्ष शुरु हो रहा है, अब हमें उत्तराखंड के उज्जवल भविष्य के लिए अगले 25 वर्ष की यात्रा शुरू करनी है। उन्होंने कहा कि यह सुखद संयोग है कि देश भी 25 वर्षों के लिए अमृत काल में है, विकसित भारत के लिए विकसित उत्तराखंड के संकल्प को इसी कालखंड में पूरा होते देखेगा।

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अभी दो दिन पहले ही प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन का भी सफल आयोजन हुआ है, उन्हें पूरा विश्वास है कि हमारे प्रवासी उत्तराखंडवासी राज्य के विकास यात्रा में ऐसी ही बड़ी भूमिका निभाते रहेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के लोगों को अपनी आशाओं, आकांक्षाओं के अनुरूप अलग राज्य प्राप्त करने के लिए लंबे समय तक प्रयास करना पड़े, यह प्रयास तब पूरे हुए, जब केंद्र में श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेई के नेतृत्व में सरकार बनी। बेहद खुशी की बात है कि अब हम सब उत्तराखंड को अपने सपनों को साकार करते हुए देख पा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड ने खूब सारा प्यार और अपनत्व दिया है, हम भी इसी भावना के साथ देवभूमि की सेवा करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे है। प्रधानमंत्री ने कहा कि डबल इंजन की सरकार ने उत्तराखंड को एम्स का सेटेलाइट सेंटर, देश के पहले ड्रोन एप्लीकेशन रिसर्च सेंटर की सौगात दी है, साथ ही यूएसनगर में स्मार्ट इंडस्ट्रियल टाउनशिप बनाने की भी योजना है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज उत्तराखंड में केंद्र सरकार के दो लाख करोड के प्रोजेक्ट चल रहे हैं, कनेक्टिविटी योजनाओं को तेज गति से पूरा किया जा रहा है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना को 2026 तक पूरा किए जाने की तैयारी है। राज्य के 11 स्टेशन को अमृत के रूप में विकसित किया जा रहा है। देहरादून – दिल्ली एक्सप्रेस वे बनने से देहरादून से दिल्ली का सफर ढाई घंटे में हो जाएगा।

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार सीमांत के गांवों को पहला गांव मानते हुए, कार्य कर रही है, इसी क्रम में माणा गांव की यात्रा के दौरान उन्होंने वाइब्रेंट विलेज योजना की शुरुआत की। इसके तहत उत्तराखंड में करीब 50 गावों का विकास किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज उत्तराखंड ऐसे निर्णय ले रहा है, जो देश के लिए उदाहरण बन रहे हैं। इसी क्रम में उत्तराखंड ने गहन अध्ययन के बाद यूनिफार्म सिविल कोर्ड लागू किया, जिसे वो सही मायने में सैकुलर सिविल कोड मानते हैं। आज पूरा देश यूसीसी पर चर्चा करते हुए, इसकी जरूरत महसूस कर रहा है। इसी तरह उत्तराखंड ने युवाओं का भविष्य सुरक्षित करने के लिए नकल विरोधी कानून लागू करते हुए, माफिया पर सख्त कार्यवाई की है। उत्तराखंड के ऐसे कई कार्य दूसरे राज्यों के लिए उदाहरण बन रहे हैं।

 

*प्रधानमंत्री के 9 आग्रह*

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आज 9 नवंबर है, 9 का अंक शुभ माना जाता है, यह शक्ति का प्रतीक होता है। इसलिए आज वो उत्तराखंड के लोगों से 5 और यहां आने वाले पयर्टकों के सामने 4 यानि कुल 9 आग्रह करना चाहते हैं।

 

*1 – बोली भाषा का संरक्षण*

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आपकी गढ़वाली, कुमांउनी, जौनसारी सहित सभी बोलियां बेहद समृद्ध हैं, इनका संरक्षण बेहद जरूरी है। इसलिए उत्तराखंड के लोग आने वाली पीढ़ियों को अपनी बोली भाषा जरूर सिखाएं, उत्तराखंड की पहचान के लिए भी यह जरूरी है।

 

*2 – एक पेड़ मां के नाम*

पूरा देश जानता है कि उत्तराखंड के लोग प्रकृति और पर्यावरण के प्रेमी होते हैं। उत्तराखंड तो गौरा देवी की भूमि है, यहां हर महिला मां नंदा का रूप है। इसलिए यह बहुत आवश्यक है कि हम प्रकृति की रक्षा करें। इसके लिए एक पेड़ मां के नाम के तहत पौधारोपण करें, क्लामेंट चेंज से लड़ने के लिए भी यह बेहद जरूरी है।

 

*3 –स्वच्छ जल*

उत्तराखंड में नौलों -धारों की पूजा किए जाने की परंपरा है। इसलिए आप सभी अपने नौलों, धारों को संरक्षित करते हुए, पानी की स्वच्छता के सभी अभियानों को गति देने का प्रयास करेंगे।

 

*4 – गांव से जुड़ाव*

उत्तराखंड के लोग अपने गांव में आना जाना बनाते हुए, जड़ों से जुड़े रहें। खासकर रिटायरमेंट के बाद गांव में समय जरूर बिताएं, इससे गांवों के साथ आपके संबंध मजबूत होंगे।

 

*5 – तिबारी वाले घरों को संवारें*

प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के लोग अपने गांव में पुराने तिबारी वाले धरों को बचाने और संरक्षित करने के लित भी आगे आएं। पुराने घरों को होम स्टे में बदलकर, आय का साधन बना सकते हैं।

 

*6–सिंगल यूज प्लास्टिक से बचें*

पर्यटक के रूप में आप जब भी आप हिमालय की गोद में जांए, स्वच्छता को सबसे उपर रखें इस सोच के साथ जाएं कि पहाड़ में सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं करना है।

 

*7 – वोकल फॉर लोकल*

पहाड़ों में घूमने फिरने के दौरान वोकल फॉर लोकल याद रखें, अपनी यात्रा का कम से कम पांच प्रतिशत खर्च स्थानीय उत्पादों को खरीदने में करें।

*8 – यातायात के नियम अपनाएं*

आप जब भी पहाड़ों पर जाएं, वहां के ट्रैफिक नियमों का पालन करें, सावधान रहें, हर किसी का जीवन अमूल्य है।

 

*9- तीर्थों की मर्यादा का पालन करें*

धार्मिक स्थलों पर स्थानीय रीति -रिवाजों और नियम कायदों का पालन करते हुए, वहां की मर्यादा का ध्यान रखें। इस बारे में उत्तराखंड के लोगों की मदद ले सकते हैं।

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