तुमरै नन-तिन, परिजन छन यख नौकरिया काबिल…भर्तियों में भ्रष्टाचार पर नेगी दा का नया गीत ‘लोकतंत्र मा’ हुआ वायरल

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Dehradun:  हम त प्रजा का प्रजा हि रैग्यां लोकतंत्र मां…तुम जनसेवक राजा ह्वे ग्यां लोकतंत्र मां। नरेंद्र सिंह नेगी की ये पंक्तियां लोकतांत्रिक व्यवस्था में भ्रष्टाचार की मशीनरी से खुद को राजा समझ बैठे जनप्रतिनिधियों पर तीखा प्रहार है। (Narendra Singh Ngei new song goes viral loktantra ma on corruption issue) पूरा प्रदेश जब भर्ती घोटालों, भाई भतीजा वाद से ग्रसित है, नेताओं के चहेतों को चोर दरवाजे से नौकरियों की रेवड़ियां बांटी जा रही हैं और युवा सड़कों पर उतरा है। ऐसे में लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी का ताजा गीत लोकतंत्र मा व्यवस्था और हालातों पर करारी चोट कर रहा है।

आज जारी हुए इस गीत को लोग हाथोंहाथ ले रहे हैं। अभी गीत का सिर्फ ऑडियो आया है, लेकिन इसे पसंद करने वालों की तादात लगातार बढ़ रही है। लोग इसे सोशल मीडिया पर जमकर शेयर कर रहे हैं। यू ट्यूब पर कुछ ही घंटों में 41 हजार से ज्यादा लोग इसे सुन चुके हैं। कुछ साल का समय जरूर लगा लेकिन नरेंद्र सिंह नेगी के गीतों में वही धार, वही व्यंगबाण और युवा पीढ़ी से एकजुट होने का वही आह्वाहन दिखता है। नेगी दा के गीत में कहा गया है कि  किस तरह लोकतंत्र में जनसेवक राजा हो गए हैं, प्रजा, प्रजा ही रह गई है। नेताओँ के चहेतों को नौकरियां मिलने के मामले पर तंज कसते हुए नेगीदा पूछते हैं, क्या लोकतंत्र में सिर्फ तुम्हारे ही रिश्तेदार नौकरियों के योग्य हैं. क्या जनता पढ़ी-लिखी होने के बावजूद किसी काम की नहीं रह गई है?

अळसे गे छा ताजा ह्वे ग्यां लोकतंत्र मा…

भर्तियों में भ्रटाचार के मामलों पर  नेगी दा हुक्मरानों को चेतावनी देते हुए कहते हैं कि भले ही हम अपने अधिकारों को लेकर जागृत नहीं थे, जो इस तरह सरकारी भर्तियों में खेल रचा गया, लेकिन हे हुक्मरानों तुम्हारी ये धांधलीबाजी अब ज्यादा देर नहीं टिकेगी। क्योंकि जनता अब जागरुक हो चुकी है, सड़कों पर उतर रही है।

नेगी दा का ये गीत आप नरेंद्र सिंह नेगी ऑफिशियल यू ट्यूब चैनल पर सुन सकते हैं।

हम तो प्रजा का प्रजा ही रह ग्यां लोकतंत्र मा….तुम जन सेवक राजा व्हेग्या राजा लोकतंत्र मा।

जनता सड़क्यों मां भ्रष्टाचार से लड़नी…. अर तुम भ्रष्टाचार मा साझा व्हेग्यां लोकतंत्र मा।

फल फूललू जब राज्य हमरू चैन से खाला…. फल लगनी तुम काचै खै ग्यां लोकतंत्र मा।

तुमरै नन-तिन, परिजन छन यख नौकरिया काबिल…. हम बल काम न काजा का व्हेग्यां लोकतंत्र मा।

करणी धरणी कुछ नी तुम बस भौंपू बजौंदा…. नेता जी तुम ता बाजा व्हेग्यां लोकतंत्र मा।

अब नि चलण द्योला हम तुमरी धांधलबाजी….अळसे गे छा ताजा व्हेग्यां लोकतंत्र मा।

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