करोड़ों का चूना लगाने वाले भ्रष्ट बवेजा की होगी CBI जांच, हाईकोर्ट ने दिया फैसला, देवभूमि डायलॉग ने खोली थी बवेजा के करप्शन की पोल

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NAINITAL: बीज और पौध खरीद में करोड़ों के भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित पूर्व उद्यान निदेशक डॉ हरमिंदर बवेजा की मुश्किलें बढ़ गई हैं। नैनीताल हाईकोर्ट ने बवेजा के सभी मामलों की सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं। इस मामले में 11 अक्टूबर को सुनवाई पूरी हो गई थी, लेकिन चीफ जस्टिस विपिन सांघी व जस्टिस राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। हाईकोर्ट की बेंच ने आज इस मामले पर सीबीआई जांच का आदेश देके हुए फैसला सुनाया है।

बता दें कि बवेजा के खिलाफ भ्रष्टाचार की कई शिकायतें आई थी, जिसके बाद बवेजा को निलंबित कर दिया था। बवेजा के खिलाफ हाईकोर्ट में मामला गया था। हाईकोर्ट ने सीबीआई से पूछा था कि क्या एजेंसी इस मामले की जांच कर सकती है, इस पर सीबीआई ने कहा था कि हमें पेश किए दस्तावेजों और सबूतों से ये लगता है कि एजेंसी इस केस की जांच कर सकती है। अब हाईकोर्ट ने अपने फैसले में सीबीआई को बवेजा की सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं मुख्य न्यायाधीस जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने कहा कि सीबीआई जल्द से जल्द तीन महीनों के भीतर इस केस की जांच पूरी करे। हाईकोर्ट ने सरकार को भी निर्देशित किया है कि वो बवेजा केस से जुड़े सारे दस्तावेज औऱ सबूत सीबीआई को सौंपे और एजेंसी का पूरा सहयोग करे। हाईकोर्ट ने ये भी कहा कि एसआईटी ने अब तक बवेजा के खिलाफ जो भी सबूत या दस्तावेज जुटाए हैं वो भी सीबीआई को सौंपे जाएं।

बता दें कि बवेजा के खिलाफ कीवी फल के पौध वितरण के लिए कीमतों में बढ़ोतरी करने, हल्दी-अदरक बीज वितरण में देरी करने, खराब गुणवत्ता के पौध उपलब्ध कराने,  अंतरराष्ट्रीय महोत्सवों के लिए स्वीकृति से अधिक धन खर्च करने और फेस्टिवल के आयोजन के लिए पीएम पर ड्रॉप मोर क्रॉप के फंड को डायवर्ट करने के आरोप हैं। बवेजा ने फर्जी नर्सरी अनिका ट्रेडर्स को पूरे राज्य में करोड़ों की पौध खरीद का कार्य देकर बड़े घोटाले को अंजाम दिया। उत्तरकाशी में जिले में सैकड़ों किसानों को उक्त फर्जी नर्सरी से पौध दिलाए गए। जिसमें करोड़ों का घोटाला हुआ। बवेजा ने नैनीताल जिले में मुख्य उद्यान अधिकारी राजेंद्र कुमार सिंह के साथ मिलकर एक कश्मीर की एक और फर्जी नर्सरी बरकत एग्रो फार्म के जरिए गड़बड़ी की। बवेजा के खिलाफ काश्तकारों ने देहरादून में धरना प्रदर्शन भी किया था।

सामाजिक कार्यकर्ता दीपक करगेती ने किसानों के साथ मिलकर सबसे पहले निलंबित निदेशक हरमिंदर सिंह बवेजा की कारस्तानियों केखिलाफ सबूत जुटाए थे। दीपक ने इस मामले में लंबी लड़ाई लड़ी और पीएमओ तक इसकी शिकायत की थी। बवेजा द्वारा महिला उत्पीडन के झूठे मुकदमे में दीपक को फंसाया गया था। जिसके बाद दीपक ने 13 दिन का आमरण अनशन किया था। सरकार ने 14 सितंबर 2022 को उद्यान विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार के जांच के आदेश देने पड़े, लेकिन जब जांच में हीला हवाली हुई तो 7 जनवरी 2023 को दीपक ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका डाली। 1 मार्च 2023 को नकली नर्सरी मामले में और 26 जून 2023 को दीपक की तीसरी पीआईएल को भी हाईकोर्ट ने स्वीकार किया था।

बवेजा का भ्रष्टाचार बागवानी को किस तरह से बर्बाद कर रहा है, इस पर देवभूमि डायलॉग ने एक लंबी सीरीज चलाई थी। देवभूमि डायलॉग ने तथ्यों और दस्तावेजों के साथ बवेजा की एक एक कारस्तानियों की पोल खोली थी। कई कास्तकारों ने भी बवेजा की पोल खोली थी। इसके अलावा विभाग के कई अफसरों ने भी पत्र लिखकर बवेजा के अधीन काम करने से मना कर दिया था।

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