विधानसभा भर्ती घोटाला- तदर्थ कार्मिकों को हाईकोर्ट से झटका, डबल बेंच ने स्पीकर के फैसले को सही माना, सिंगल बेंच के फैसले को पलटा

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Nainital/Dehradun: विधानसभा में बैकडोर से भर्ती हुए कार्मिकों को तगड़ झठका लगा है। हाईकोर्ट की डबल बेंच ने सिंगल बेंच के फैसले को रद्द कर दिया। चीफ जस्टिस वाली डबल बेंच ने स्पीकर के उस फैसले को सही ठहराया है, जिसमें अवैध रूप से भर्ती किए गए 250 कार्मिकों को नौकरी से हटाया गया था।

गौरतलब है कि स्पीकर ने 2012 से 2022 के बीच विधानसभा मे बैकडोर से भर्ती हुए 250 तदर्थ व उफनल कार्मिकों को हटाने का आदेश दिया था। स्पीकर ने जांच मे पाया था कि ये भर्तियां अवैध हैं और इनमें नियमों का पालन नहीं  हुआ है। निकाले गए कार्मिक स्पीकर के फैसले के खिलाफ फौरन हाईकोर्च चले गए थे, जहां सिंगल बेंच ने उन्हें राहत दे दी थी। उनका कहना था कि उन्हें हटाने से पहले कोई नोटिस नहीं दिया गया है जिसकी वजह से उन्हें इस तरह से हटाया नहीं जा सकता है जिस पर सिंगल बेंच ने सुनवाई करते हुए उनको निकाले जाने पर स्टे दे दिया था जिसके बाद वह अपनी विधानसभा में पुनः एंट्री की संभावना देख रहे थे।

लेकिन विधानसभा सचिवालय ने सिंगल बेंच के इस फैसले के खिलाफ चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली डबल बेंच में अपील की थी। जिसके बाद आज भी सुनवाई में मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की बेंच ने इस मामले को सुना और सिंगल बेंच द्वारा दिए गए निर्णय पर स्टे हटा दिया। यानी जो तदर्थ कार्मिक अवैध रूप से भर्ती हुए थे उको नौकरीर से हाथ धोना पड़ेगा।

आपको बता दें क् गोविंद सिंह कुंजवाल औऱ प्रेमचंद अग्रवाल के स्पीकर रहते हुए 250 से ज्यादा पदों पर गुपचुप तरीके से नियुक्तियां की गई थी। इसके लिए न तो कोई विज्ञप्ति जारी हुई औऱ न ही कोई प्रोसेस अपनाया गया। मामला सामने आने का बाद वर्तमान स्पीकर ने जांच बिठाई थी। विधानसभा अध्यक्ष ने कड़ा रुख अपनाते हुए मुख्यमंत्री की अपील के बाद इन सभी कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया था।

 

विधानसभा भर्ती घोटाला, कब क्या हुआ

– जुलाई 2022- यूकेएसएसएसी की भर्तियों के पेपर लीक की घटनाओं के साथ ही सोशल मीडिया में विधानसभा भर्तियों का मुद्दा उठना शुरू हुआ।

– अगस्त 2022- सोशल मीडिया में विधानसभा में हुई भर्तियों की सूची वायरल हुई, जिस पर पूर्व विस अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल के बयान के बाद विवाद गहरा गया।

– 28 अगस्त 2022- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा अध्यक्ष से भर्तियों की जांच का अनुरोध किया। यह भी कहा कि सरकार की जहां आवश्यकता हो, सहयोग दिया जाएगा।

– 29 अगस्त 2022- पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने कहा, हां मैने अपने बेटे और बहू को नौकरी पर लगाया।

– 3 सितंबर 2022- विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने विधानसभा में हुई भर्तियों की जांच के लिए तीन सदस्यीय विशेषज्ञ जांच समिति का गठन किया।

22 सितंबर- जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर स्पीकर रितु खंडूड़ी ने ने 250 भर्तियां रद्द कर दी।

– 15 अक्टूबर- नैनीताल हाईकोर्ट ने नियुक्तियां रद्द करने के स्पीकर के फैसले पर रोक लगा दी।

-सिंगल बेंच के स्टे के खिलाफ विधानसभा सचिवालय ने हाईकोर्ट की डबल बेंच में अपील की थी

-24 नवंबर को हाईकोर्ट की डबल बेंच ने सिंगल बेंच के फैसले को खारिज कर दिया और स्पीकर के उस फैसले को सही ठहराया जिसमें बैकडोर से भर्ती 250 कार्मिकों को नौकरी से निकाला गया था।

 

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