सहसपुर में नकली दवा बनाने वाली कंपनी का भंडाफोड़, FDA की छापेमारी में 3 आरोपी गिरफ्तार, 2 फरार

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DEHRADUN: सीएम धामी ने निर्देश पर खाद्य संरक्षा और औषधि नियंत्रण प्रशासन (FDA) इन दिनों प्रदेश भर में अवैध ड्रग और नकली दवाओं के खिलाफ छापेमारी अभियान चला रहा है। एफडीए ने सहसपुर में चल रही नकली दवा बनाने वाली कंपनी पर छापेमारी करते हुए 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है जबकि दो फरार चल रहे हैं। छापेमारी में 1921 कैप्सूल/टैबलेट, सिरप की 592 बोतलें और 342 खाली रैपर बरामद किए गए।

स्वास्थ्य सचिव डा. आर. राजेश कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने नकली दवाओं के खिलाफ अभि.यान छेड़ने के निर्देश दिए हैं।  जिसके बाद अभियान तेज किया गया है। स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि नकली या सबस्टैंडर्ड दवाएं बनाने वालों को बख्शा नहीं जाएंगा और उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

इसी क्रम में सहसपुर स्थित लांघा रोड पर स्थित एक फैक्ट्री में नकली दवाएं बनाने की सूचना मिलने पर औषधि विभाग, पुलिस और नारकोटिक्स टास्क फोर्स ने संयुक्त कार्रवाई की और ग्रीन हर्बल कंपनी के तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया जबकि दो अभी फरार हैं। इस कंपनी को फूड लाइसेंस मिला था लेकिन इसकी आड़ में गैर-कानूनी ढंग से दवाओं का निर्माण कर रहे थे। इन दवाओं का इस्तेमाल नारकोटिक्स एक्ट के तहत किया जाता है। इस दौरान संयुक्त टीम ने फैक्ट्री से 1921 कैप्सूल/टैबलेट, सिरप आदि की 592 बोतलें और 342 खाली रैपर बरामद किए। ड्रग कंट्रोलर ताजबर जग्गी ने बताया कि उक्त फैक्ट्री में जिन दवाओं का निर्माण फूड लाइसेंस पर चल रहा था, वह साइकोट्रैपिक (मन प्रभावी) हैं और इनका अधिक सेवन व्यक्ति को नशे की हालत में ले आता है। नशे के विकल्प के रूप ऐसी दवाओं का चलन बढ़ रहा है। इस पूरे खेल को उजागर किया जाएगा और दोषियों को सख्त सजा दिलाई जाएगी।

1 साल में 862 जगह छापेमारी, 81 लाइसेंस सस्पेंड  

ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी के मुताबिक विभाग नकली दवाओं और फर्जी कंपनियों के खिलाफ लगातार छापेमारी कर रहा है। पिछले एक साल में विभाग ने 862 स्थानों पर छापेमारी की है। कई कंपनियों से जांच के लिए 352 लीगल सैंपल भी लिये गये हैं। अभी 35 उत्पादों की जांच गतिमान है। उन्होंने बताया कि दो कंपनियों के दवा निर्माण लाइसेंस को निरस्त करने की कार्रवाई की जा रही है और 72 कंपनियों के उत्पादों की खरीद-फरोख्त पर रोक लगाई गयी है। ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि पांच कंपनियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है। दस कंपनियों के सेल लाइसेंस को निरस्त करने की सिफारिश की गयी है। इसके अलावा 6 कंपनियों के परिसर सील किये गये हैं। उन्होंने बताया कि कुमाऊं में 81 लाइसेंस को सस्पेंड किया गया है और नौ कंपनियों के लाइसेंस निरस्त किये गये हैं। 11 दवा निर्माता कंपनियों के लाइसेंस भी सस्पेंड किये गये हैं।

 

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