2016 VPDO भर्ती घोटाले में UKSSSC के पूर्व चेयरमैन, सचिव और परीक्षा नियंत्रक गिरफ्तार, OMR शीट में की थी बड़ी धांधली

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DEHRADUN: 2016 में हुए वीपीडीओ भर्ती घोटाले पर धामी सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है। पहली बार भर्ती घोटालों में जांच की आंच आयोग के पदाधिकारियों तक पहुंची है। (3 Including ex chairman, secretary of uksssc arrested in 2016 vpdo recruitment scam) एसटीएफ ने आज इस मामले में अधीनस्थ सेवा यचन आयोग के पूर्व चेयरमैन आरबीएस रावत, पूर्व सचिव मनोहर कन्याल, व पूर्व मे परीक्षा नियंत्रक रहे आरएस पोखरिया को गिरफ्तार किया है।

आयोग के पूर्व बड़े पदाधिकारियों की गिरफ्तारी जीरो टॉलरेंस के मंत्र की दिशा में बड़ा एक्शन माना जा रहा है। 2016 में वीपीडीओ की भर्ती में हुए घोटाले की लंबे समय से जाँच चल रही थी। पहले यह जांच विजिलेंस के पास थी, लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के आदेश के बाद इसे एसटीएफ को सौंपा गया है।

देवभूमि डायलॉग के साथ आयोग के दो पूर्व सदस्यों, दीवान सिंह भैसोड़ा और महेश चंद्र ने खास बातचीत में आरबीएस रावत और कन्याल के कारनामों की पोल खोली थी। उन्होंने बताया था कि किस तरह ओएमआर शीट में धांधली की गई थी।

अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से बीते मार्च 2016 को ग्राम पंचायत विकास अधिकारी चयन परीक्षा करवाई गई थी। 30 मार्च 2016 को परीक्षा का परिणाम घोषित किया गया था। लेकिन इसमें ओएमआर शीट में छेड़छाड़ की बात सामने आई थी। 2019 में भर्ती को रद्द कर दिया गया था और अनियमितताओं की पुष्टि होने पर विजिलेंस की ओर से मुकदमा दर्ज किया गया था। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के निर्देश के बाद इसी साल अगस्त महीने में विवेचना एसटीएफ को ट्रांसफर की गई थी।

एसटीएफ ने विजिलेंस की रिपोर्ट और अन्य साक्ष्यों के आधार पर यह पाया कि  उक्त परीक्षा से संबंधित ओएमआर स्कैनिंग/ फाइनल रिजल्ट बनाए जाने का कार्य तत्कालीन सचिव मनोहर सिंह कन्याल के घर पर हुआ था। मामले में अब तक दो दर्जन से अधिक अभ्यर्थी चिन्हित किए गए हैं और उनके बयान एसटीएफ द्वारा दर्ज किए गए हैं। पूर्व में तीन अभियुक्त मुकेश कुमार शर्मा, मुकेश कुमार और राजेश पाल को एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार किया जा चुका है।

 

 

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