परिवहन निगम की विरोधाभासी शर्त से बस मालिक परेशान, अनुबंधित बसों का स्वामित्व निगम को सौंपने के आदेश
HARIDWAR: उत्तराखंड परिवहन निगम अजीबो गरीब शर्तों से बस मालिक संशय में हैं। हरिद्वार में परिवहन निगमन ने अनुबंधित बसों के लिए एक ऐसी शर्त रख दी है जिससे बस मालिक स्वीकार करने की स्थिति में नहीं हैं। (Contradictory rule of UTC for contractual buses) ज्वालापुर निवासी बस मालिक शांतनु शर्मा का कहना है कि निगम ने उनसे कहा है कि अनुबंधित दो सीएनजी बसों का स्वामित्न निगम के नाम करना होगा।
दरअसल शांतनु शर्मा ने 2 सीएनजी बसों का अनुबंध 6 साल के लिए परिवहन निगम के साथ किया है। लेकिन निगम की एक विचित्र शर्त ने उनकी परेशानी बढ़ा दी है। निगम द्वारा कहा गया है कि अनुबंध करने वाले बस मालिकों को बस का स्वामित्व निगम के नाम करना होगा। बस मालिक शांतनु का कहना है कि निगम की यह शर्त विरोधाभासी है क्योंकि अनुबंध में बस के साथ कोई दुर्घटना होने की स्थिति में समस्त जिम्मेदारी बस मालिक की तय की गई है, ऐसे में बस का स्वामित्व निगम के नाम पर कैसे किया जा सकता है। अगर बस का स्वामित्व निगम के नाम पर करना है तो दुर्घटना की स्थिति में मुआवजे और मुकदमे की सारी जिम्मेदारी भी निगम को वहन करनी चाहिए।
शांतनु के मुताबिक अन्य किसी भी राज्य में बसों के अनुबंध के लिए ऐसी विचित्र शर्त नहीं है। शांतनु शर्मा ने कहा कि इस प्रकार की शर्त रखकर उत्तराखंड परिवहन निगम द्वारा वाहन स्वामियों का उत्पीड़न एवं शोषण किया जा रहा है जो किसी भी दृष्टि से न्यायपूर्ण नहीं है। शांतनु शर्मा ने बताया कि उन्होंने निगम के अधिकारियों से कई बार पत्र लिखकर एवं मुलाकात कर इस समस्या का समाधान करने का अनुरोध किया परंतु विभागीय अधिकारियों द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई है। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज कराई गई लेकिन समस्या जस की तस है।