यात्रा मार्गों पर 92 लाख के पहाड़ी उत्पाद बेचकर स्थानीय महिलाएं हुई मालामाल, पर्यटन बना महिला समूहों की आर्थिकी का आधार

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DEHRADUN:  चारधाम यात्रा और पर्यटन गतिविधियां उत्तराखंड की महिलाओं की आर्थिकी में सकारात्मक बदलाव ला रहे हैं।  इस वित्तीय वर्ष में अक्तूबर महीने तक महिला समूहों ने यात्रा मार्ग और प्रमुख पर्यटन केंद्रों पर खुले 110 यात्रा आउटलेट्स के जरिए कुल ₹91.75 लाख का कारोबार किया, जिससे उन्हें 29.7 लाख रुपए का शुद्ध मुनाफा हुआ है।

ग्राम्य विकास विभाग के अधीन संचालित उत्तराखंड राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा श्रद्धालुओं और पर्यटकों को उत्तराखंड की समृद्ध परंपरा और संस्कृति से परिचित कराने के साथ ही ग्रामीण महिलाओं की आर्थिक में सुधार के लिए प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थलों पर 110 ‘यात्रा आउटलेट्स’ स्थापित किए गए हैं। जो स्थानीय ग्रामीण महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। सचिव ग्राम्य विकास राधिका झा के मुताबिक, यात्रा आउटलेट्स पर हस्तनिर्मित ऊनी वस्त्र, पहाड़ी मसाले, जैविक अचार, स्मृति चिन्ह, मिलेट-आधारित खाद्य पदार्थ बिक्री के लिए उपलब्ध रहते हैं। ‘यात्रा आउटलेट्स’ न केवल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने में कारगर साबित हुए हैं, बल्कि राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को प्रचारित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

कहां कितने यात्रा आउटलेट्स

उत्तरकाशी में सबसे ज्यादा 21 यात्रा आउटलेट्स खोले गए हैं, टिहरी में 20 जबकि चमोली में 16 यात्रा आउटलेट्स हैं। रुद्रप्रयाग और पौड़ी में 15-15 यात्रा आउटलेट्स हैं। हरिद्वार में 11, नैनीताल में 10 और देहरादून में 2 यात्रा आउटलेट्स खोले गए हैं, जहां पर महिला समूहों द्वारा तैयार स्थानीय उत्पाद बेचे जाते हैं।

पांच लाख महिलाएं जुड़ी हैं समूहों से

उत्तराखंड राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (यूएसआरएलएम) के जरिए राज्य के 13 जनपदों के 95 विकास खंडों में 67,172 स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) का गठन किया गया है, जिनसे लगभग 5 लाख ग्रामीण महिलाओं को जोड़ा गया है। राज्य सरकार द्वारा यात्रा आउटलेट्स, सरस केंद्र, और ग्रोथ सेंटर के जरिए इन समूहों के उत्पादों की बिक्री के लिए  सहायता प्रदान करती है। यूएसआरएलएम के सहयोग से महिला समूहो द्वारा राज्य में 8 मिलेट बेकरी इकाइयाँ स्थापित की गई हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी राज्य में आने वाले पर्यटकों से अपने घूमने के खर्च का पांच प्रतिशत स्थानीय उत्पाद खरीदने पर खर्च करने की अपील की है। निस्संदेह इससे आने वाले समय में इन महिला समूहों की आय में बढ़ोतरी होगी। सीएम धामी ने कहा कि सरकार का स्पष्ट मत है कि ग्रामीण महिलाओं की आर्थिकी को मजबूत बनाकर ही राज्य तरक्की के पथ पर आगे बढ़ सकता है। इसलिए महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार उत्पाद को बाजार उपलब्ध कराया जा रहा है, सरकार समूहों से जुड़ी महिलाओं के लिए लखपति दीदी योजना भी चला रही है।

 

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