महंगाई की मार: सिलेंडर भरवाने से भी कतरा रही जनता, 4.13 करोड़ उज्जवला लाभार्थियों ने एक बार भी नहीं भराया सिलेंडर  

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Delhi: देश में चारों तरफ महंगाई की मार पड़ रही है। पीएम मोदी की महत्वाकांक्षी उज्जवला योजना भी इससे अछूती नहीं है। घरेलू गैस की बढ़ती कीमतों से उज्जवला लाभार्थी इतने परेशान हैं कि वे दोबारा सिलेंडर तक नहीं भरवाना चाहते। महंगाई की पोल खुद सरकार के आंकड़ों ने खोल दी है। आंकडों के मुताबिक उज्जवला योजना के 4.13 करोड़ लाभार्थियों ने एक बार भी गैस सिलेंडर को रिफिल नहीं कराया।

पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्यमंत्री रामेश्वर तेली ने राज्यसभा  में एक सवाल के लिखित जवाब में बताया कि पिछले 5 साल में उज्जवला योजना के 4.13 करोड़ लाभार्थियों ने एक बार भी रसोई गैस सिलेंडर को रिफिल नहीं करवाया। उज्जवला योजना के 7.67 करोड़ ऐसे लाभार्थी हैं जिन्होंने 5 साल में केवल एक बार सिलेंडर रिफिल कराया।

दरअसल, कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सरकार से उज्जवला योजना के लाभार्थियों से जुड़ी जानकारी मांगी थी। जिसके जवाब में रामेश्वर तेली ने बताया कि साल 2017-18 के बीच 46 लाख उज्जवला योजना के लाभार्थियों ने एक भी सिलेंडर नहीं भरवाया।  इसी तरह 2018-19 के बीच 1.24 करोड़,  2019-20 के दौरान 1.14 करोड़, 2020-21 के दौरान 10 लाख और 2021-22 के दौरान 92 लाख लाभार्थियों ने एक बार भी सिलेंडर रिफिल नहीं करवाया। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि साल 2018-19 के दौरान 2.90 करोड़, 2019-20 के दौरान 1.83 करोड़, 2020-21 के दौरान 67 लाख और 2021-22 के दौरान 1.08 करोड़ उज्जवला योजना के लाभार्थियों ने केवल एक ही बार सिलेंडर रिफिल कराया।

एलपीजी की बढञती कीमतों से घरेलू उपभोक्ता भी सिलेंडर रिफिल कराने से कतरा रहे हैं। केंद्रीय मंत्री रामेश्वर तेली ने बताया कि साल 2021-22 के दौरान कुल 30.53 करोड़ घरेलू गैस उपभोक्ताओं में से 2.11 करोड़ उपभोक्ताओं ने एक बार भी गैस सिलेंडर रिफिल नहीं कराया है। वहीं, एक बार गैस सिलेंडर रिफिल कराने वालों का आंकड़ा 2.91 करोड़ रहा.

केंद्र सरकार ने उज्जवला योजना के तहत पूरे देश में 9 करोड़ मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन बांटे हैं। उज्जवला योजना के तहत लाभार्थी को 200 रुपए प्रति सिलेंडर (सालभर में अधिकतम 12 रिफिल पर) की सब्सिडी दी जाती है।

नरेंद्र मोदी जब पीएम नहीं बने थे, तब बढ़ती गैस की कीमतों पर सरकार को बार बार कठघरे में खड़ा करते थे। लेकिन अब मोदी सरकार महंगाई को काबू करने में पूरी तरह विफल नजर आ रही है। सिलेंडर रिफिल न कराने का ये ट्रेंड सरकार के लिए तो चेतावनी तो है ही, देश की अर्थ्वयवस्था के लिए भी अच्छा संकेत नहीं है।

 

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