फिर से मंदाकिनी के वेग में बह गया सोनप्रयाग में बना अस्थाई पुल, केदारनाथ धाम में अभी भी फंसे 1500 यात्री

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RUDRAPRAYAG: केदारनाथ में तबाही मचाने के बाद मानसून का कहर एक बार फिर से दिखने लगा है।  31 जुलाई की रात बादल फटने के बाद सोनप्रयाग में पुल और सड़क पूरी तरह तबाह हो गए थे। रेस्क्यू के लिए सेना ने यहां एक अस्थाई पुल का निर्माण किया था। लेकिन बीती रात भारी बारिश के बाद मंदाकिनी के तेज वेग मे ये अस्थाई पुल भी बह गया। इससे रेस्क्यू ऑपरेशन में फिर से दिक्कतें आने लगी हैं।

जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नन्दन रजवार का कहना है कि आज 210 लोगों का पैदल मार्ग रेस्क्यू किया जा रहा है। लेकिन पुल बहने से अब समस्या खड़ी हो गई है। एक तरफ मौसम खराब होने की वजह से कम विजिबिलिटी चलते हेली सेवाओं से अब तक रेस्क्यू शुरू नहीं किया जा सका है। वहीं, विपरीत परिस्थितियों के बीच पैदल मार्ग से रेस्क्यू अभियान जारी है। आज केदारनाथ से 231 लोगों को सकुशल सोनप्रयाग पहुंचा दिया है जबकि 516 लोग जंगलचट्टी पहुंच गए हैं। केदारनाथ धाम में अब भी डेढ़ हजार से अधिक लोग मौजूद हैं, जिसमें कुछ यात्री शामिल हैं। अब तक कुल 12 हजार यात्रियों को निकाला गया है। पहले चरण में 231 लोगों को केदारनाथ से छानी कैंप पहुंचने के बाद रेस्क्यू दल के जवानों ने भूस्खलन प्रभावित लिंचोली से गौरीकुंड पहुंचाया।

केदारघाटी में दैवीय आपदा से क्षतिग्रस्त हुए पैदल मार्ग को ठीक करने के लिए पांच सौ मजदूरों को लगाने के निर्देश दिए गए। साथ ही केदारनाथ पैदल यात्रा को दो हफ्ते में दोबारा शुरू करने के लिए उच्च अधिकारियों ने सभी संबंधित विभागों से सुझाव मांगे। इसके लिए अनिवार्य पुनर्निमाण कार्यों का एस्टीमेट तैयार कर 2 से 3 दिनों के भीतर कार्य शुरू करने के निर्देश दिए।

 

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