पाबंदी के बावजूद हेलीकॉप्टर से केदारनाथ पहुंच गए BKTC अध्यक्ष, यूकाडा ने हेली कंपनी को भेजा नोटिस

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DEHRADUN/KEDARNATH:  जिसके पास पावर है उसी की चलती है, कम से कम उत्तराखंड में तो ये बात सही साबित होती है। एक तरफ पिथौरागढ़ में जंगली मशरूम खाने के बाद लोकगायक गणेश मर्तोलिया की नानी और बहन को उचित इलाज नहीं मिल पाया, समय से एयरलिफ्ट करके बड़े अस्पताल नहीं पहुंचाया जा सका, दूसरी तरफ बद्री केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष केदारनाथ धाम में चॉपर सेवाओं पर पाबंदी के बावजूद हेली से केदारधाम पहुंच गए। इस मामले पर विवाद बड़ा तो उत्तराखंड सिविल एविएशन एजेंसी (यूकाडा) ने मामले की जांच शुरू कर दी है। एजेंसी ने हेली कंपनी को इस बाबत नोटिस भेजा है।

दरअसल मानसून में मौसम की विपरीत परिस्थितियों को देखते हुए फिलहाल केदारनाथ धाम और यमुनोत्री धाम में हेली सेवाओँ के संचालन पर रोक लगाई गई है। इसके बावजूद दो दिन पहले एक प्राइवेट कंपनी के हेलीकॉप्टर ने उड़ान भरी। मौसम खराब होने पर हेलीकॉप्टर को पूरा एक दिन तक वहीं रुकना पड़ा। अगले दिन मौसम साफ होने पर हेलीकॉप्टर वापस आया। केदारनाथ के तीर्थपुरोहित संतोष त्रिवेद्री ने बताया कि इस हेलीकॉप्टर में बदरी केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी और उनके साथ कुछ और लोग भी थे।

बीकेटीसी अध्यक्ष द्वारा प्रतिबंध के बाद भी हेली सेवा का उफयोग किए जाने पर मामले ने तूल पकडा है। अब इस पूरे मामले पर उत्तराखंड सिविल एविएशन एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (UCADA) प्राइवेट हेली कंपनी को नोटिस भेजा है। UCADA में इस मामले की जांच कर रहे संजय टोलिया ने कहा कि बीते दो दिन पहले केदारनाथ में प्रतिबंध के बावजूद हेलीकॉप्टर फ्लाई किया गया। ये हेली कंपनी की चूक है। UCADA  इस मामले की जांच कर रहा है। जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई की जाएगी।

 

 

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