अधूरे रह गए हैं पहाड़ी राज्य के सपने, न खेती संवरी न संतुलित विकास हुआ, पढ़िए राजेंद्र कुकसाल का विश्लेषण
उत्तराखंड राज्य की स्थापना पहाड़ी जनपदों के आर्थिक एवं सामाजिक पिछड़ेपन को देखते हुए की गई थी। आर्थिक सर्वेक्षण किसी राष्ट्र व राज्य की आर्थिक स्थिति को दर्शाता है। राष्ट्र, राज्य व जनपद का आर्थिक विकास उस क्षेत्र विशेष की प्रति व्यक्ति आय एवं विकास दर से आंकी जाती है। यह दस्तावेज सरकार का सबसे […]