अंकिता केस में सुप्रीम कोर्ट का राज्य सरकार को निर्देश, दो हफ्ते में दाखिल करो स्टेटस रिपोर्ट  

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DELHI: अंकिता भंडारी हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार से जवाब मांगा है। 25 फरवरी को अंकिता के माता-पिता और पत्रकार आशुतोष नेगी ने मामले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि दो हफ्तों के भीतर केस की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करे।

सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच में प्रकरण की पहली सुनवाई जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार से प्रकरण की रिपोर्ट तलब की। अंकिता के परिजन केस की एसआईटी जांच से संतुष्ट नहीं हैं, इसलिए सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं। परिजनों ने नैनीताल हाईकोर्ट में भी सीबीआई जांच की याचिका दायर की थी, लेकिन हाईकोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया था। इसके बाद अंकिता के परिजनों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। परिजनों का कहना है कि एसआईटी और सरकार रिजॉर्ट में आने वाले वीईआपी को बचाने का प्रयास कर रही है। तथ्यों को छुपा रही है। विधायक यमकेश्वर की पूरे घटनाक्रम में भूमिका संदिग्ध थी लेकिन जांच तो दूर इसको लेकर कोई कार्रवाई तक नहीं की गई है। फास्ट ट्रैक कोर्ट में मामले की सुनवाई को लेकर भी अभी तक कोई सकारात्मक कदम सरकार ने नहीं उठाए हैं।

पौड़ी के श्रीकोट निवासी अंकिता भंडारी यमकेश्वर के गंगा भोगपुर के वनंतरा रिजॉर्ट में रिसेस्पनिस्ट थी। 18 सितंबर को अंकिता अचानक गायब हो गई थी। दो दिन बाद उसका शव चीला रेंजसे बरामद किया गया था। इस केस में रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्या और उसके दो साथियों को गिरफ्तार किया गया है।

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता कोलिन गोंजालविस ने बताया कि न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना व केएम जोसेफ की बेंच ने अंकिता हत्याकांड को गंभीर घटना बताते हुए उत्तराखंड सरकार से स्टेटस रिपोर्ट तलब की है। कहा कि अदालत ने प्रदेश सरकार को दो सप्ताह में स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है।

 

 

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