पीआरडी जवानों ने सीएम के सामने की थी नारेबाजी, शासन ने जांच बिठाकर 7 दिन में मांगी रिपोर्ट

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DEHRADUN: पीआरडी स्थापना दिवस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के सामने कुछ जवानों के नारेबाजी करने के मामले में शासन ने जांच बिठा दी है। साथ ही सात दिन में रिपोर्ट मांगी है। विशेष सचिव खेल एवं युवा कल्याण अमित सिन्हा ने कहा कि जांच में अनुशासनहीनता पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

बता दें कि सोमवार को प्रांतीय रक्षक दल का स्थापना दिवनस कार्यक्रम था। कार्यक्रम समाप्त होने पर जैसे ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी औऱ विभागीय मंत्री रेखा आर्या वापस जा रहे थे, तभ कुछ पीआरडी जवान अपनी मांगों के लेकर सीएम के सामने ही नारेबाजी करने लगे। जवानों लंबित मांगों के लेकर नारेबाजी की और पीआरडी जवानों के उत्पीड़न का आरोप लगाया। विशेष सचिव अमित सिन्हा जवानों को समझाने उनके बीच गए लेकिन फिर भी वे अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करते रहे।

अब इस मामले को शासन ने गंभीरता से लिया है। शासन ने मामले की जांच बैठाकर सात दिन में रिपोर्ट मांगी है। विशेष सचिव खेल एवं युवा कल्याण अमित सिन्हा ने कहा कि जांच में अनुशासनहीनता पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

पीआरडी जवानों ने लगाए थे आरोप

प्रांतीय रक्षक दल संगठन के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष वीर सिंह रावत ने कहा कि, प्रदेश सरकार की ओर से तीन सौ दिन रोजगार देने की घोषणा को दो साल हो चुके हैं, लेकिन आधे जवान घर बैठे हैं। सार्वजनिक अवकाश के दिन डयूटी के बावजूद जवानों को अनुपस्थित दिखाकर वेतन काटा जा रहा है। जवानों केक कल्याण कोष के नाम पर विभाग पहले 10 रुपये के अंशदान की कटौती करता था। लेकिन अब हर महीने 570 रुपये कांटे जा रहे हैं।

संगठन के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश प्रसाद व महासचिव अशोक शाह ने कहा, पीआरडी जवानों के साथ अन्याय को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सभी जवानों को डयूटी मिलनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि कोविड के दौरान डयूटी करने वाले कई जवानों की विभाग ने सेवाएं समाप्त कर दी। उन्होंन कहा कि अगर उनकी मांगों पर जल्द अमल न हुआ तो जवान निदेशालय में धरना देंगे।

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