ड्रोन तकनीक का कमाल, ऋषिकेश एम्स ने रचा इतिहास, 36 किलोमीटर दूर टिहरी में 29 मिनट में ड्रोन से पहुंचाई दवाई

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RISHIKESH: उत्तराखंड में दुर्गम क्षेत्रों तक ड्रोन के माध्यम से दवाई पहुंचाकर ऋषिकेश एम्स ने नया इतिहास रचा है। ऋषिकेश से 36 किलोमीटर दूर चंद मिनटों में टीबी की दवाई पहुंचाने का ट्रायल सफल रहा। इससे दुर्गम क्षेत्रों तक स्वास्थ्य संबंधी जरूरी दवाइयों और उपकरणों को पहुंचाने की दिशा में क्रांतिकारी कदम माना जा रहा है।

गुरुवार को एम्स ऋषिकेश के हैलीपैड से नई टिहरी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तक ड्रोन के माध्यम से टीबी की दवा भेजी गई। इस ड्रोन ने दवाई के पार्सल के सवा तीन किलो भार के साथ 2000 मीटर की ऊंचाई पर 36 किलोमीटर का फासला महज 29 मिनट में तय कर दिया। इसके साथ ही एम्स ऋषिकेश उत्तराखंड का पहला संस्थान बन गया है जो ड्रोन से दवाई डिलीवरी कर रहा है। इस सफलता से एम्स ऋषिकेश का प्रबंधन खुश है।

एम्स के हेलीपैड से टिहरी के बौराड़ी स्थित जिला चिकित्सालय तक पहुंचने में सड़क मार्ग से लगभग 3 घंटे का समय लगता है। ड्रोन ने यह दूरी 29 मिनट में पूरी की है। एम्स से दवा लेकर ड्रोन पूर्वाह्न 10 बजकर 44 मिनट पर उड़ा था और  11 बजकर 14 मिनट पर टिहरी में लैंड हुआ। वापसी में इसने टिहरी जिला चिकित्सालय से 11 बजकर 44 मिनट पर उड़ान भरी और यह 12 बजकर 15 मिनट पर एम्स में हेलीपैड पर सकुशल लैंड हो गया। प्रति घंटा 120 किमी की गति से उड़ने वाले यह ड्रोन साढ़े 3 किलोग्राम भार ले जा सकता है। ड्रोन का अपना वजन 16.5 किलोग्राम है।

इस मौके पर एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर मीनू सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के विजन के अनुरूप टीबी मुक्त भारत अभियान को सफल बनाने में यह सुविधा विशेष लाभदायक सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाला राज्य है। पहाड़ के दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले बीमार लोगों तक इस माध्यम से दवा पहुंचाकर उनका समय रहते इलाज शुरू किया जा सकता है। इसके अलावा इस सुविधा से आपात स्थिति में फंसे लोगों तक भी तत्काल दवा अथवा इलाज से संबन्धित मेडिकल उपकरण पहुंचाए जा सकेंगे। डॉ मीनू सिंह ने बताया कि चारधाम यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों के घायल हो जाने अथवा गंभीर बीमार हो जाने की स्थिति में, उच्च हिमालयी क्षेत्रों में फंसे जरूरतमंदों तक दवा पहुंचाने तथा दूरस्थ क्षेत्रों से एम्स तक आवश्यक सैंपल लाने में इस तकनीक का विशेष लाभ मिलेगा।

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