ओखलढुंगा: पिंजरे में कैद हुआ महिला को निवाला बनाने वाला बाघ, ग्रामीणों ने ली राहत की सांस

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RAMNAGAR:  रामनगर वन प्रभाग के ओखलढुंगा क्षेत्र में आतंक का पर्याय बने बाघ को पकड़ने में वन विभाग की टीम ने सफलता हासिल की है। माना जा रहा है कि ये वहीं बाघ है जिसने बीते 8 जनवरी की शाम महिला को निवाला बनाया था। इससे ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है।

बता दें कि नैनीताल जिले के कई इलाकों में बाघ का आतंक है। 8 जनवरी को ओखलढुंगा गांव में लकड़ी लेने के लिए गई 48 वर्षीय महिला शांति देवी पर बाघ ने हमला कर दिया था, जिसमे महिला की मौत हो गयी थी। ग्रामीणों और वन विभाग को महिला का शव क्षत विक्षत हालत में मिला था, जिसके बाद ग्रामीणों में बाघ को ट्रेंकुलाइज करने की मांग को लेकर प्रदर्शन भी किया था। 9 जनवरी को भी रामनगर वन प्रभाग के क्यारी गांव में भुवन चंद्र बेलवाल (60 वर्ष) को बाघ ने अपना निवाला बनाया था।

वहीं विभाग की ओर से 8 जनवरी की रात को ही घटना वाले क्षेत्र में कैमरा ट्रैप के साथ ही बाघ को पकड़ने के लिए पिंजड़ा भी लगा दिया गया था। 10 जनवरी की रात 11 बजे के करीब बाघ इस पिंजड़े में कैद हो गया, जिसको लगातार क्षेत्र में गश्त कर रहे वन्यकर्मियों द्वारा देखा गया और उन्होंने इसकी सूचना अपने उच्चाधिकारियों को दी। जिसके बाद बाघ को ओखलढुंगा क्षेत्र से रेस्क्यू कर कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की ढेला रेंज में स्थित रेस्क्यू सेंटर में लाया गया है, जहां डॉक्टरों द्वारा बाघ का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है, उसके साथ ही बाघ के डीएनए सैंपल सीसीएमबी हैदराबाद CCMB Hyderabad (Centre for Cellular and Molecular Biology) भेजे जा रहे हैं। ताकि यह स्पष्ट हो सके कि जिस महिला पर बाघ ने हमला किया था, यह वही बाघ है या नही। वहीं बाघ के पकड़े जाने के बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है। डीएफओ दिगंत नायक ने बताया कि यह मेल टाइगर है जो पूरी तरह से स्वस्थ है और बाघ की उम्र करीब 7 वर्ष है

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