हरमिंदर बवेजा के घोटालों की होगी SIT जांच , क्या CBI जांच से सरकार बवेजा को बचा रही है?
DEHRADUN: भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित पूर्व उद्यान निदेशक डॉ हरमिंदर बवेजा मामले में नया मोड़ आ गया है। धामी सरकार ने बवेजा को राहत देते हुए घोटालों की जांच एसआईटी से कराने का फैसला किया है। हाईकोर्ट में बवेजा के केस में सीबीआई ने कहा है कि प्रथम दृष्ट्या हमें लगता है कि बवेजा के खिलाफ हम जांच कर सकते हैं। ऐसे में सरकार ने बवेजा के खिलाफ एसआईटी जांच बिठाकर बवेजा की सीबीआई जांच को एक तरह से बचा लिया है।
बता दें कि बवेजा के खिलाफ भ्रष्टाचारकी कई शिकायतें आई थी, जिसके बाद बवेजा को निलंबित कर दिया था। बवेजा के खिलाफ हाईकोर्ट में मामला लंबित है। हाईकोर्ट ने सीबीआई से पूछा था कि क्या एजेंसी इस मामले की जांच कर सकती है, इस पर सीबीआई ने कहा था कि हमें पेश किए दस्तावेजों और सबूतों से ये लगता है कि एजेंसी इस केस की जांच कर सकती है। ऐसे में बवेजा पर सीबीआई जांच की तलवार लटक रही थी। माना जा रहा था कि अगर सीबीआई बवेजा से पूछताछ करती तो कई बड़े नामों का खुलासा हो सकता था।
लेकिन अब धामी सरकार ने एसआईटी जांच बिठाकर एक तरह से बवेजा को राहत दी है। डीआईजी रैंक के अफसर के नेतृत्व में गठित टीम उद्यान घोटाले की जांच करेगी। बवेजा के कारनामों की जांच करने वाली एसआईटी टीम में एसएसपी अल्मोड़ा, एसपी सीबीसीआईडी हल्द्वानी समेत कृषि विभाग के अधिकारी शामिल किए गए हैं। इस घोटाले में कई अन्य लोग भी संदेह के घेरे में हैं।
बवेजा के खिलाफ कीवी फल के पौध वितरण के लिए कीमतों में बढ़ोतरी करने, हल्दी-अदरक बीज वितरण में देरी करने, खराब गुणवत्ता के पौध उपलब्ध कराने, अंतरराष्ट्रीय महोत्सवों के लिए स्वीकृति से अधिक धन खर्च करने जैसे आरोप हैं। और फेस्टिवल के आयोजन के लिए पीएम पर ड्रॉप मोर क्रॉप के फंड को डायवर्ट करने के आरोप हैं। बवेजा ने फर्जी नर्सरी अनिका ट्रेडर्स को पूरे राज्य में करोड़ों की पौध खरीद का कार्य देकर बड़े घोटाले को अंजाम दिया। उत्तरकाशी में जिले में सैकड़ों किसानों को उक्त फर्जी नर्सरी से पौध दिलाए गए। जिसमें करोड़ों का घोटाला हुआ। बवेजा ने नैनीताल जिले में मुख्य उद्यान अधिकारी राजेंद्र कुमार सिंह के साथ मिलकर एक कश्मीर की एक और फर्जी नर्सरी बरकत एग्रो फार्म के जरिए गड़बड़ी की। बवेजा के खिलाफ काश्तकारों ने देहरादून में धरना प्रदर्शन भी किया था।
बवेजा का भ्रष्टाचार बागवानी को किस तरह से बर्बाद कर रहा है, इस पर देवभूमि डायलॉग ने एक लंबी सीरीज चलाई थी। देवभूमि डायलॉग ने तथ्यों और दस्तावेजों के साथ बवेजा की एक एक कारस्तानियों की पोल खोली थी। बकई कास्तकारों ने भी बवेजा की पोल खोली थी। इसके अलावा विभाग के कई अफसरों ने भी पत्र लिखकर बवेजा के अधीन काम करने से मना कर दिया था।