
लापरवाह आबकारी अधिकारी को चमोली डीएम ने लगाई फटकार, तो मामला पहुंचा सीएम दरबार
CHAMOLI/DEHRADUN: उत्तराखंड में अधिकारियों की मनमानी किस कदर चल रही है, इसकी बानगी चमोली जनपद में दिखी। दरअसल डीएम चमोली ने जिला आबकारी कार्यालय का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान कार्यालय में जिला आबकारी अधिकारी सहित दो अन्य कर्मचारी नदारद मिले। जिस पर जिलाधिकारी ने कार्रवाई करते हुए आबकारी अधिकारी का एक दिन का वेतन काट दिया और सर्विस ब्रेक कर दी। इस बात पर आबकारी अधिकारी ने डीएम पर अभद्रता का आरोप लगाते हुए सीधे मुख्यमंत्री तो चिट्ठी लिखकर ट्रांसफर करने की मांग कर डाली। उत्तराखंड में आबकारी अधिकारियों और आईएएस के बीच टशन के मामले आते रहे हैं। लेकिन इस मामले से हर कोई हैरान है कि डीएम के खिलाफ आबकारी अधिकारी सीधे सीएम तक शिकायत कैसे कर सकता है।
दरअसल मंगलवार को चमोली डीएम संदीप तिवारी ने जिला आबकारी कार्यालय का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान कार्यालय में जिला आबकारी अधिकारी दुर्गेश्वर त्रिपाठी के साथ ही दो अन्य कर्मचारी कार्यालय से नदारद मिले। कार्यालय पीआरडी कर्मचारी के भरोसे छोड़ा गया था। जिस पर जिलाधिकारी ने कार्रवाई करते हुए आबकारी अधिकारी का एक दिन का वेतन रोकते हुए सर्विस ब्रेक दे दिया है। साथ ही सहायक लेखाकार और कनिष्ठ सहायक के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए एक दिन का वेतन रोकते हुए वेतन वृद्धि पर भी रोक लगा दी ।
डीएम के एक्शन पर जिला आबकारी अधिकारी ने सभी वरिष्ठ विभागीय अधिकारियों को बायपास कर सीधे सीएम को चिठ्ठी लिख डाली। पत्र में अपना दुखड़ा रोया। और कहा कि डीएम ने मेरे लिए अमर्यादित शब्दों का प्रयोग किया। पत्र में लिखा है कि डीएम ने 18 मार्च औऱ फिर 31 मार्च को मेरे साथ दुर्व्यवहार किया और कैरियर तबाह करने की धमकी दी। मैं मानसिक रूप से परेशान हूँ। इसलिए मेरा ट्रांसफर किया जाए।
यहां, यह भी सवाल उठ रहा है कि क्या अधिकारी-कर्मचारी आचरण सेवा नियमावली के तहत क्या कोई जिले का अधिकारी सीधे सीएम को पत्र लिख सकता है। या फिर जिले के अधिकारी व कर्मचारी को अपने विभाग के सक्षम अधिकारी को अपना प्रार्थना पत्र देना चाहिए। आबकारी विभाग में जारी संग्राम के बीच यह सवाल भी मौजूं बना हुआ है। जिला आबकारी अधिकारी त्रिपाठी ने पत्र की प्रतिलिपि प्रमुख सचिव आबकारी व आबकारी आयुक्त के सूचनार्थ भी भेजी है। इस एपिसोड के बाद आबकारी अधिकारी एसोसिएशन ने डीएम संदीप तिवारी के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी दी है। हालांकि सोशल मीडिया पर लोग डीएम संदीप तिवारी के एक्शन का खुलकर समर्थन कर रहे हैं।
बता दें कि इससे पहले देहरादून में भी डीएम और आबकारी आय़ुक्त के बीच ठन गई थी। डीएम ने जनता की मांग पर राजपुर रोड का शराब का ठेका सील कर दिया। ऊंची पहुंच का रौब दिखाते हुए शराब के ठेकेदार ने आबकारी आयुक्त सेमवाल से दुकान की सील खुलवा ली। डीएम ने फिर सील कर दिया। खूब झगड़ा हुआ। सरकारी चिठ्ठियां भी मीडिया की सुर्खियां बनी। शासन और जिला प्रशासन के अधिकारियों की शराब की दुकान को लेकर चली ‘ ऐंठ’ ने खूब चर्चा बटोरी।