भीमताल बस हादसे में मृतकों की संख्या बढ़कर हुई 5, दो घायलों को एम्स किया गया एयरलिफ्ट, लापरवाही पर संभागीय प्रबंधक सस्पेंड
HALDWANI: भीमताल के आमडाली में बुधवार को हुए रोड़वेज बस हादसे में मृतकों की संख्या बढ़कर 5 हो गई है। पिथौरागढ़ नर्सिंग कॉलेज की एक छात्रा दीक्षा (20) ने गुरुवार सुबह अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। हादसे में गंभीर रूप से घायल नेहा पंत और मनीष को गुरुवार को हल्द्वानी से एम्स ऋषिकेश एयरलिफ्ट किया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल पहुंचर घटना के घायलों की कुशलक्षेम पूछी। सीएम ने डॉक्टरों को सभी घायलों के बेहतर इलाज के निर्देश दिए। उधर लापरवाही बरतने के लिए परिवहन निगम की कुमाऊ मंडल प्रबंधक को निलंबित कर दिया गया है।
बता दें कि बुधवार को दोपहर एक बजे के करीब पिथौरागढ़ से हल्द्वानी आ रही रोड़वेज की बस आमडाली के नजदीक 100 मीटर गहरी खाई में गिर गई थी। बस में 29 लोग सवार थे जिसमें से 3 लोगों ने मौके पर दम तोड़ दिया था जबकि एक बच्चे ने उपचार के दौरान दम तोड़ा था। गुरुवार को हादसे में घायल नर्सिंग की एक औऱ छात्रा की मौत होगी। इस तरह हादसे में अब तक 5 लोगों की जान जा चुकी है। हादसे में गंभीर रूप से घायल दो मरीजों नेहा पंत और मनीष को हल्द्वानी से हेली एंबुलेंस के जरिए एम्स ऋषिकेश लाया गया है। राज्य सरकार ने हादसे में मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपए के मुआवजे की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को डॉ. सुशीला तिवारी अस्पताल, हल्द्वानी पहुंचकर दुर्घटना में घायल लोगों का हाल-चाल जाना। इस दौरान चिकित्सकों से भी घायलों के उपचार के संबंध में जानकारी प्राप्त की। सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जरूरत पड़ने पर गंभीर रूप से घायल लोगों को एयरलिफ्ट कर एम्स ऋषिकेश भेजा जाए और घायलों को हर संभव उपचार उपलब्ध कराया जाए।
फोन न उठाने पर आरएम निलंबित
उधर इस घटना पर जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही भी सामने आई है। उत्तराखंड परिवहन निगम के एमडी ने आदेश जारी करते हुए संभागीय प्रबंधक (संचालन) कुमाऊं मंडल काठगोदाम पूजा जोशी को निलंबित कर दिया है। बताया जा रहा है कि हादसे के बाद पूजा जोशी के उच्च अधिकारियों का फोन तक नहीं उठाया, जिसके बाद उन पर निलंबन की गाज गिरी है। आदेश में कहा गया है कि, बस हादसे के दौरान पुलिस प्रशासन रेस्क्यू टीम द्वारा त्वरित कार्रवाई की गई, लेकिन मंडलीय प्रबंधक द्वारा विभागीय कार्यों में लापरवाही बरतते हुए फोन तक नहीं उठाया गया। उनके द्वारा अपने कर्तव्य और दायित्व का सही से निर्वहन नहीं किया जाना पाया गया है, जिसके बाद निलंबन की कार्रवाई की गई है।