हल्द्वानी अतिक्रमण पर सीएम धामी बोले, कोर्ट के फैसले का सम्मान करें, भूधंसाव का जायजा लेने जोशीमठ जाएंगे सीएम

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Dehradun/Haldwani/Joshimath:  हल्द्वानी के वनभूलपूरा में रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण का मामला सियासी रंग ले रहा है। कांग्रेस जहां अतिक्रमणकारियों के साथ खड़ी दिखती है, वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने साफ किया है कि कोर्ट का फैसला सबको मान्य होगा। जो सुप्रीम कोर्ट तय करेगा उसी आधार पर आगे की कार्रवाई होगी। मुख्यमंत्री धामी ने ये भी कहा कि जोशीमठ भू धंसाव का जायजा लेने एक्सपर्ट की टीम के साथ वे स्वयं वहां का दौरा करेंगे।

सीएम धामी ने कहा कि जोशीमठ के हालात पर सरकार नजर बनाए हुए है। स्थानीय प्रशासन तैयार है। जल्द ही वहां विशेषज्ञों का दल सरकार की तरफ से भेजा जाएगा और मैं स्वयं वहां का दौरा करूंगा। बता दें कि जोशीमठ में लगातार भू धंसाव से 600 से ज्यादा घरों में बड़ी बड़ी दरारें आ गई हैं। दरारों से पानी का रिसाव हो रहा है जिससे बड़ी त्रासदी का खतरा जोशीमठ पर मंडरा रहा है।

उधर वनभूलपूरा अतिक्रमण मामले पर कांग्रेस और सपा लगातार सरकार पर हमलावर है। हल्द्वानी के प्रभावित लोग कई दिनों से सरकार क खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। स्थानीय विधायक सुमित हृदयेश की ओर से सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई है। जिस पर 5 जनवरी को सुनवाई होनी है। इस पूरे मामले पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मामला न्यायालय के अधीन है ऐसे में अभी उस कुछ कहना जल्दबाजी होगा।सीएम धामी ने कहा कि जो भी कोर्ट का फैसला होगा वह सर्वमान्य होगा और सरकार उस फैसले पर अमल करेगी।

हरदा का मौन उपवास

हल्द्वानी अतिक्रमण मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बुधवार को मौन उपवास किया। हरीश रावत ने कहा कि पुराने समय से रह रहे लोगों का पुनर्वास किया जाना जरूरी है। कहा कि सरकार योजनाबद्ध तरीके से इनका पुनर्वास कर सकती है। हरदा ने कहा हल्द्वानी में जो लोग 60 से 70 वर्षों से रह रहे हैं, उन घरों को तोड़ने का आदेश न्यायालय की ओर से हो गया है। सरकार को इस पर मानवीय दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।

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