CM ने की चारधाम यात्रा की समीक्षा, स्थानीय लोगों को रजिस्ट्रेशन से छूट, CM ने कहा किसी को बिना दर्शन किए न लौटाएं

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DEHRADUN:  22 अप्रैल को गंगोत्री-यमुनोत्री, 25 अप्रैल को केदारनाथ और 27 अप्रैल को बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने केसाथ ही चारधाम यात्रा शुरू हो जाएगी। मंगलवार को मुख्यमंत्री धामी ने यात्रा की तैयारियों की समीक्षा करते हुए अफसरों को जरूरी दिशानिर्देश दिए। सीएम ने कहा कि चार धाम यात्रा के लिए स्थानीय लोगों के पंजीकरण की अनिवार्यता को खत्म किया जाए। इसेस पहले उत्तराखंड और अन्य राज्यों के सभी लोगों के लिए पंजीकरण की बाध्यता थी।

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड आने वाले सभी श्रद्धालुओं को चार धाम यात्रा में दर्शन करवाए जाएंगे। जिन श्रद्धालुओं ने चारधाम यात्रा के लिए होटलों और होमस्टे में बुकिंग करा ली है, उनके दर्शन के लिए भी व्यवस्था की जाए। व्यवस्थित, सुगम और सुरक्षित चार धाम यात्रा के लिए सभी तैयारियां समय से पहले पूरी कर ली जाएं। सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखंड आने वाले श्रद्धालु चारधाम यात्रा के साथ-साथ राज्य के अन्य प्रमुख धार्मिक और पर्यटक स्थलों पर भी जाएं, इसके लिए राज्य के प्रमुख धार्मिक और पर्यटक स्थलों के बारे में व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार भी किया जाए। साथ ही पर्यटन, पुलिस और परिवहन विभाग द्वारा विभिन्न माध्यमों से जागरूकता अभियान चलाया जाए।

यात्रियों को लोकल उत्पादों से जोड़ा जाए

सीएम धामी ने कहा कि वोकल फॉर लोकल को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री ने श्रद्धालुओं से अपने यात्रा खर्च का 5 प्रतिशत स्थानीय उत्पादों पर खर्च करने की अपील की है। राज्य में स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए कुछ उत्पादों को व्यापक स्तर पर प्रमोट किया जाए। जीएमवीएन में भी स्थानीय उत्पादों को रखा जाए। राज्य के स्थानीय उत्पादों की जानकारी आमजन तक पहुचांई जाए।चारधाम यात्रा मार्गों पर क्रैश बैरियर की समुचित व्यवस्था की जाए.यात्रा मार्गों पर पार्किंग स्थलों पर वाहन चालकों की रहने एवं सोने की समुचित व्यवस्था हो।

भीड़ को नियंत्रित किया जाए

सीएम धामी ने कहा कि चारधाम यात्रा के लिए पुलिस द्वारा भीड़ प्रबंधन के लिए समुचित व्यवस्था की जाए। श्रद्धालुओं से जो भी आवश्यक जानकारी लेनी है, केवल एक बार राज्य के एन्ट्री प्वाइंट पर ली जाए। इसके अलावा उत्तराखंड आने वाले श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो। चारधाम यात्रा के लिए जिन-जिन विभागों में कार्मिकों की ड्यूटी लगती है, उन विभागों में जो स्वेच्छा से चारधाम ड्यूटी पर जाना चाहते हैं, उन्हें पहले प्राथमिकता दी जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा पर जो भी स्वास्थ्य शिविर लगाये जा रहे हैं, उन्हें व्यवस्थित तरीके से लगाया जाए। चारधाम यात्रा के लिए यात्रा मित्र के तौर पर कुछ स्थानीय लोगों को रखा जाए और मार्गों पर पार्किंग स्थलों में वाहन चालकों के रहने और सोने की व्यवस्था की जाए। चारधाम यात्रा पर आने वाले वाहनों की फिटनेस का विशेष ध्यान रखा जाए, इसके लिए अन्य राज्यों से भी समन्वय किया जाए।

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