चारधाम यात्रा पर आपदा की घटनाओं से ऐसे निपटे NDMA, SDMA, मॉक ड्रिल की सीएम ने भी की निगरानी

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DEHRADUN: 22 अप्रैल से चारधाम यात्रा का आगाज हो रहा है। शासन प्रशासन चारधाम यात्री की तैयारियों को लेकर कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहता। इसके लिए सीएम धामी ने राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में मॉक ड्रिल का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा मार्गों पर आपदा प्रबंधन के लिए किये जा रहे मॉक अभ्यास का वर्चुअल अवलोकन भी किया। यात्रा के दौरान किसी भी आपात परिस्थिति से निपटने के लिए विभिन्न एजेंसियों के बीच सामंजस्य कैसा हो इसके लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण ने उत्तराखण्ड स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट ऑथरिटी के साथ मॉक ड्रिल परीक्षण किया।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा के लिए राज्य सरकार द्वारा श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत सभी तैयारियां की गई हैं। चारधाम यात्रा मार्गों पर आपदा प्रबंधन की दृष्टि से यात्रा शुरू होने से पूर्व मॉक अभ्यास से आपदा प्रबंधन के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार के विभिन्न संस्थानों के बीच समन्वय भी बढ़ेगा।  मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर चमोली, रूद्रप्रयाग एवं उत्तरकाशी के जिलाधिकारियों से यात्रा के लिए की जा रही तैयारियों की जानकारी भी ली। उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि यह सुनिश्चित किया जाए कि यात्रा शुरू होने से पूर्व सभी आवश्यक व्यवस्थाएं पूरी हो जाएं।

NDMA, SDMA की मॉक ड्रिल

राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण (एनडीएमए) भारत सरकार के सहयोग से उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) द्वारा 22 अपै्रल को प्रारम्भ होने जा रही चारधाम यात्रा 2023 का सफलतापूर्वक संचालन तथा आपदा प्रबन्धन का मॉक अभ्यास गुरूवार को चमोली, उत्तरकाशी, रूद्रप्रयाग, पौड़ी, टिहरी,  हरिद्वार एवं देहरादून जिलों में सफलतापूर्वक संचालन

एनडीएमए ने सुझाव दिए हैं कि राज्य में आपदाओं के बेहतर प्रबन्धन हेतु विभिन्न स्टेकहोल्डर्स के मध्य प्रभावी कम्युनिकेशन हेतु दोतरफा संवाद को कायम करना होगा। इसके लिए आधुनिकतम टेक्नॉलॉजी के अधिकाधिक इस्तेमाल, ड्रोन का उपयोग व ड्रोन सहित सभी संसाधनों की जीआईएस मैपिंग, भूकम्प जैसी आपदाओं के दौरान सेटेलाइट इमेजनरी के उपयोग, राज्य के सभी अस्पतालों को आपदाओं के दृष्टिगत अपने इमरजेंसी सिस्टम को मोडिफाई करने, अस्पतालो को अपनी सर्ज कैपिसिटी बढ़ाने, अस्पतालों को एक प्रभावी आपदा प्रबन्धन प्लान को अपनाने के भी सुझाव दिए है।

मॉक ड्रिल के तहत उत्तरकाशी के तहसील बड़कोट में खारादी में भूकम्प, जानकीचट्टी में भगदड़ मचने, नालूपाली में एक बस के नदी में दुर्घटनाग्रस्त होने, जनपद चमोली के जीआईसी तपोवन में भूकंप के झटके महसूस होने, जिसकी रिक्टर स्केल पर तीव्रता 5.0 थी, जोशीमठ के चटवापीपल में बस दुर्घटनाग्रस्त होने, गोपीनाथ मंदिर गोपेश्वर में आग लगने, जनपद टिहरी के चाचा भतीजा नरेंद्रनगर में भूस्खलन, कीर्तिनगर में बागवान के पास भूस्खलन होने से कुछ यात्रियों के फंसे होने, जनपद देहरादून के मालदेवता में सौंग नदी में 3-4 बच्चों के फंसे होने, ऋषिकेश बस स्टेंड में भगदड़ मचने, जनपद पौड़ी के तहसील श्रीनगर में डुंगरीपंथ में भूकंप के झटके महसूस होने, पौड़ी धारी देवी में भगदड़ मचने से कुछ लोगों की दबने एवं कुछ की नदी में 04 लोगों की डूबने की सूचना तथा 15 लोगों की घायल होने जैसी आपदाओं के प्रबन्धन का मॉक अभ्यास किया गया। सभी मॉक अभ्यासों में खोज एवं बचाव कार्य पूर्ण कर लिए गए।

 

 

 

 

 

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