नंदानगर: मलबे के ढेर से हार गई ममता, जुड़वा बेटों को बाहों में चिपकाए मिली मां-बेटों की लाश, गमगीन हुआ माहौल
NANDANAGAR/CHAMOLI: चमोली के नंदानगर में बादल फटने से आई आपदा की विनाशलीला धीरे धीरे सामने आ रही है। जैसे जैसे मलबे के ढेर में जिंदगी की तलाश जारी है वैसे वैसे बेहद दुखद तस्वीरें दिख रही हैं। ऐसी ही एक तस्वीर शुक्रवार को दिखी, जिससे हर किसी की आंखें नम हैं। रेस्क्यू एजेंसियों को एक भवन के मलबे से तीन शव बरामद हुए। ये शव एक महिला और उसके दो जुड़वा बच्चों के हैं । महिला आखिरी सांस तक बच्चों को बचाने के लिए अपने सीने से लगाए हुई थी। तीनों के शव भी उसी हालत में निकाले गए।
नंदानगर के आपदाग्रस्त कुंतरी लगा फाली गांव में कुंवर सिंह का मकान हजारों टन मलबे में दब गया। शुक्रवार दोपहर जब बचावकर्मी मकान के भीतर पहुंचे तो यह दृश्य देखकर विचलित हो उठे। कुंवर सिंह की पत्नी कांता देवी (38) एक भारी वस्तु के नीचे दबी हुई थीं और उन्होंने अपने एक-एक हाथ में 10 साल के अपने दोनों जुड़वा बेटों-विकास और विशाल को पकड़ रखा था। ये मार्मिक दृश्य बता रहा था कि मां ने भीषण आपदा में दम तोड़ने से पहले अपने बच्चों और खुद को बचाने के लिए आखिरी क्षण तक कितनी जद्दोजहद की होगी। मां ने बच्चों को बचाने के लिए हर मुमकिन कोशिश की, लेकिन मलबे के ढेर के आगे ममता हार गई।
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के बचावकर्मियों द्वारा 32 घंटों तक बड़ी सावधानी से बाढ़ के मलबे में दबी आरसीसी की छतों को कटर मशीनों से काट कर अंदर घुसने का रास्ता बनाया गया था जिसके बाद करीब एक बजे इन तीनों की मौजूदगी का पता चला था। इसके बाद बचावकर्मियों ने तीनों शवों को जैसे ही मलबे से बाहर निकाला, वहां का माहौल गमगीन हो गया। सोशल मीडिया पर भी ये वीडियो सबको भावुक कर रहा है।